टप्पू और सोनू की शादी के ट्रैक की वजह से ये सीरियल फिर एक बार चर्चा में आया, ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’

मुंबई : ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ इंडियन टेलीविज़न का सबसे लंबा चलने वाला कॉमेडी सीरियल रहा है. साल 2008 में सोनी सब टीवी पर इस शो का पहला एपिसोड प्रीमियर हुआ था. कहते हैं लोगों को हंसाना सबसे मुश्किल होता है, लेकिन ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ पिछले 17 सालों से ये मुश्किल काम बड़ी ही आसानी के साथ कर रहा है. हाल ही में टप्पू और सोनू की शादी के ट्रैक की वजह से ये सीरियल फिर एक बार चर्चा में आया था. सिर्फ शादी का ट्रैक ही नहीं बल्कि इस सीरियल में कई ऐसे मजेदार ट्रैक आए हैं, जिन्होंने शो को छप्पर फाड़कर टीआरपी दिलाई है.

गोकुलधाम में सोढ़ी के चाचाजी की एंट्री
गोकुलधाम सोसाइटी में सोढ़ी के चाचाजी का आना सीरियल के हाईपॉइंट्स में से एक रहा है. शुरुआत में किस तरह से ये चाचाजी गोकुलधाम सोसाइटी में हर जाती धर्म के लोगों को एक साथ रहते हुए देख, अपनी परंपरा और बोली का महिमामंडन करते हुए नजर आए और फिर कैसे उन्हें एक दूसरे की परंपराओं और रीति-रिवाज का सम्मान करने की सीख मिली, इसकी दिलचस्प कहानी ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में बताई गई थी.

महाबलेश्वर में होली
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की पूरी टीम ने होली के स्पेशल एपिसोड की शूटिंग महाबलेश्वर में की थी. शो में दिखाया गया था कि पूरी सोसाइटी ट्रिप पर जा रही है और सभी इस हिल स्टेशन जाकर होली का त्योहार बड़े धूमधाम से मना रहे हैं. रंगों के साथ साथ यहां ऐसे गुदगुदाने वाली घटनाएं घटित हो रही थीं कि दर्शक ठहाके लगाने पर मजबूर से हो गए. इस ट्रैक ने भी सीरियल को अच्छी रेटिंग दिलाई थी.

टप्पू का बाल विवाह
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के शुरुआती सालों में ऑन एयर हुआ ‘टप्पू के बाल विवाह’ का एपिसोड दर्शक आज भी याद करते हैं. इस ट्रैक को भी लोगों ने बहुत पसंद किया था. एक दिन जेठालाल सपने में देखता है कि टप्पू का बाल विवाह हो रहा है और फिर कैसे वो इस शादी को तोड़ने के लिए कई कोशिश करता है? इसकी दिलचस्प कहानी शो में दिखाई गई थी और शो के जरिए सदियों से चली आ रही इस कुप्रथा पर सवाल भी उठाए गए थे.

गोकुलधाम में पानी की कटौती
रोजमर्रा के संघर्षों को हास्यपूर्ण अंदाज़ में दर्शकों के सामने पेश करना, हमेशा से ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा‘ की यूएसपी कहा है. सीरियल में ‘पानी कटौती’ के ट्रैक में ये दिखाने की कोशिश की गई कि कैसे पड़ोसी एक दूसरे को ताना कसते के साथ साथ एक दूसरे की मदद भी करते हैं. इस ट्रैक को भी ऑडियंस का खूब ट्रैफिक मिला था.

भिड़े की 1 करोड़ की लॉटरी
गोकुलधाम सोसाइटी के एकमेव सेक्रेटरी आत्माराम तुकाराम भिड़े ऐसे तो बड़े शिष्टाचार और सिद्धांतवादी शिक्षक है. लेकिन, इस खास ट्रैक में वो लॉटरी के जाल में पैसों के लालच अटके हुए नजर आ रहे थे.

सोसाइटी में भूतनी का आतंक
‘भूतनी’ के ट्रैक की शुरुआत जेठालाल और बापूजी से हुई थी, जिन्हें सोसाइटी में एक भूतनी की परछाई दिखी थी. इस खबर से सोसाइटी में खलबली मच गई थी और अंत में टप्पू सेना इस भूतनी का राज खोला था.