गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है और इसके साथ ही स्किन की समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं. इस दौरान अधिक तापमान, उमस और तेज धूप के कारण त्वचा पर कई प्रकार की दिक्कतें आ सकती हैं. स्किन का ख्याल न रखने पर यह रुखी, बेजान और सेंसिटिव हो सकती है. इस मौसम में स्किन को खास देखभाल की जरूरत होती है. सही स्किन केयर रूटीन अपनाने से न केवल त्वचा को स्वस्थ रखा जा सकता है, बल्कि गर्मी से होने वाली परेशानियों से भी बचा जा सकता है. अगर त्वचा की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जाए, तो यह सनबर्न, रैशेज और अन्य समस्याओं का शिकार हो सकती है. ऐसे में इस मौसम में स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाए रखने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. आइए डॉक्टर से जानें, स्किन की बीमारियों के कारण क्या हैं और इनसे कैसे बचाव करें.
दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल में डर्मेटोलॉजी विभाग में डॉ भावुक धीर बताते हैं कि स्किनकी बीमारियों के कई कारण हो सकते हैं, जैसे की सूरज की हानिकारक किरणें त्वचा को झुलसा सकती हैं, जिससे सनबर्न और पिगमेंटेशन की समस्या हो सकती है. साथ ही, गर्मी में शरीर से अधिक पसीना निकलता है, जिससे स्किन पोर्स बंद हो सकते हैं और एक्ने तथा स्किन इंफेक्शन की समस्या हो सकती है. शरीर में नमी की कमी के कारण त्वचा ड्राई और बेजान हो सकती है. उमस और अधिक पसीना स्किन पर बैक्टीरिया और फंगल ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं, जिससे रैशेज, खुजली और इंफेक्शन हो सकते हैं. इसके अलावा गर्मी में धूल-मिट्टी और प्रदूषण त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे मुंहासे और अन्य समस्याएं हो सकती हैं. आइए जानें, गर्मियों में त्वाचा को किन बीमारियों का खतरा रहता है और ऐसे में देखभाल कैसे करें.
इन बीमारियों का खतरा
हीट रैश
हीट रैश यानी घमौरी, गर्मी और उमस के कारण त्वचा के पसीने वाले ग्रंथियां ब्लॉक हो जाती हैं, जिससे त्वचा पर छोटे-छोटे लाल दाने हो जाते हैं. इनमें खुजली और जलन भी हो सकती है. अधिक पसीने के कारण यह समस्या अधिक बढ़ जाती है.
सनबर्न और टैनिंग
सूरज की पराबैंगनी (UV) किरणों के सीधे संपर्क में आने से त्वचा की ऊपरी परत जल सकती है, जिससे लालिमा, जलन और छाले भी हो सकते हैं. लंबे समय तक धूप में रहने से यह समस्या और गंभीर हो सकती है. टैनिंग यानी धूप में अधिक समय बिताने से त्वचा की प्राकृतिक रंगत गहरी हो जाती है, जिससे त्वचा काली पड़ने लगती है. यह स्किन में मेलेनिन के स्तर के बढ़ने के कारण होता है.
फंगल इंफेक्शन
अत्यधिक पसीने और नमी के कारण त्वचा पर फंगल संक्रमण हो सकता है, जैसे कि दाद (रिंगवर्म), एथलीट फुट और इंफेक्शन. यह संक्रमण शरीर के गीले और छायादार हिस्सों में अधिक होता है, जैसे कि बगल, जांघों और पैरों के बीच.
एक्ने-पिंपल्स और डिहाइड्रेशन
गर्मी में शरीर से अधिक पसीना और ऑयल निकलने के कारण त्वचा के पोर्स बंद हो जाते हैं, जिससे एक्ने और पिंपल्स की समस्या हो सकती है. धूल-मिट्टी और प्रदूषण भी इसे बढ़ा सकते हैं. गर्मी में डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी होने से त्वचा रूखी और बेजान हो सकती है. इससे त्वचा पर दरारें, खुजली और खिंचाव महसूस हो सकता है.
ऐसे करें देखभाल
दिनभर में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीने से त्वचा हाइड्रेटेड बनी रहती है.
घर से बाहर निकलने से पहले कम से कम SPF 30 वाला सनस्क्रीन जरूर लगाएं.
सूती कपड़े पहनने से त्वचा को हवा लगती है और पसीना जल्दी सूखता है.
त्वचा से अतिरिक्त तेल और गंदगी हटाने के लिए दिन में दो बार फेसवॉश का इस्तेमाल करें.
गर्मी में भी त्वचा को मॉइस्चराइज़ करना जरूरी है. हल्का और वॉटर-बेस्ड मॉइस्चराइजर लगाएं.
हरी सब्जियां, फल, दही और नारियल पानी का सेवन करें, जिससे स्किन हेल्दी बनी रहे.