मज़दूरों के सम्मान में खाया बोरे- बासी
जगदलपुर, 02 मई (वेदांत समाचार)। यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की जगदलपुर इकाई द्वारा दंडामी रिजार्ट में बोरे- बाली खा कर मज़दूर दिवस मनाया गया। रविवार 01 मई को चित्रकोट में पर्वतारोहण और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस दौरान यूथ हॉस्टल के सदस्य चित्रकोट जलप्रपात के आसपास बिखरे पड़े प्लास्टिक कचरे को स्वच्छता अभियान चलाकर साफ किया। बोरे- बासी दिवस पर यूथ हॉस्टल के साथियों ने नाश्ते में मंडिया पेज, बोरे बासी, भूनें बैंगन- टमाटर की चटनी जैसे विशुद्ध देसी व्यंजनो का लुत्फ़ उठाया। नाश्ते के बाद इको रिजॉर्ट से जलप्रपात तक के ट्रैकिंग कार्यक्रम में भाग लेकर 10 बजे के बाद सभी ने जलप्रपात क्षेत्र में सफाई अभियान चलाया।यूथ हॉस्टल के सदस्यों ने जलप्रपात के आसपास और ट्रेकिंग ज़ोन में बिखरे प्लास्टिक और कचरे की सफ़ाई की।
स्वच्छता कार्यक्रम के बाद वापस ट्रैकिंग करते हुए इको रिसोर्ट पहुंचें यूथ हॉस्टल के साथियों के मध्य खेल प्रतियोगिताएं आयोजित आयोजित हुई। निशानेबाज़ी, कुर्सी दौड़, रस्सी कूद आदि प्रतियोगिताओं के विजयी खिलाड़ियों को मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद के हाथों पुरस्कृत कर प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। मोहम्मद शाहिद ने यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की जगदलपुर इकाई के गठन पर प्रसन्नता व्यक्त करते ऐसे आयोजनों को अलग अलग क्षेत्रों की कला, संस्कृति, परिवेश और स्वाद के आदान-प्रदान के लिए आवश्यक बताया। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में सुबह सदस्यों ने पहले अपना परिचय दिया।
परिचय सत्र में कमांडर संदीप मुरारका ने यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के विषय में जानकारी देते बताया कि इस संस्था की स्थापना 1952 में मैसूर में हुई।वाईएचएआई संगठन खेल एवं युवा कल्याण विभाग,भारत सरकार तथा इंडियन माउंटेनियरिंग फ़ेडरेशन से मान्यता प्राप्त है । संस्था का उद्देश्य युवाओं में यात्रा और पर्यटन की प्रवृत्ति को बढ़ावा देना और कम दरों पर पर्यटन के दौरान स्वच्छ और सुंदर आवास प्रदान करना है। युथ हॉस्टल के सदस्यों को संस्था की गतिविधियों में शामिल करने के अलावा सदस्यता कार्ड के माध्यम से मिलने वाली आकर्षक छूट का भी लाभ दिलाया जाता है। युथ हॉस्टल के सदस्य दुनिया भर के 90 देशों में फैले इस संस्था से जुड़ कर अपनी यात्रा बजट को कम कर सकते हैं। वर्तमान में संस्था का राष्ट्रीय मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है, जिसके मार्गदर्शन में क्षेत्रीय कार्यालय और जिला इकाइयाँ सफलतापूर्वक काम कर रही हैं। कार्यक्रम की सफलता में छत्तीसगढ़ टूरिज़्म से जुड़े कृष्णा केवट और जीत आर्या की विशेष भूमिका रही।
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