नई दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने कहा है कि वह बैंकएश्योरेंस चैनल का लाभ उठाने के लिए आईडीबीआई बैंक में अपना कुछ हिस्सा बरकरार रखना चाहेगी। एलआईसी के चेयरमैन एम आर कुमार ने कहा कि सरकार के साथ एलआईसी भी आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री करेगी, लेकिन वह अपनी समूची हिस्सेदारी को शायद न बेचे।
एलआईसी इस समय जोरशोर से रोडशो करने में जुटी हुई है। इसके जरिये वह चार मई को खुलने वाले अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के बारे में निवेशकों के बीच जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रही है। पिछले हफ्ते निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडेय ने कहा था कि आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया भी जारी है और रोडशो पूरा होने के बाद हिस्सेदारी बिक्री की मात्रा निर्धारित की जाएगी।
सरकार पिछले कुछ वर्षों से आईडीबीआई बैंक में 45 प्रतिशत की अल्पांश हिस्सेदारी रणनीतिक निवेशकों को बेचने की योजना बना रही है। आईडीबीआई बैंक 21 जनवरी, 2019 से एलआईसी की अनुषंगी इकाई बन चुका है। कुमार ने कहा, हम प्रबंधन नियंत्रण की सीमा से नीचे हैं लेकिन सरकार का दरअसल मतलब यह है कि प्रबंधन नियंत्रण इस तरह से दिया जाए कि एक निजी संस्था बैंक को चलाती है, और इस प्रक्रिया में सरकार को उसमें से मूल्य मिलता है।
उन्होंने कहा, चूंकि एलआईसी भी इस परिदृश्य में मौजूद है लिहाजा हमेशा से मेरी राय रही है कि सरकार के साथ हम भी अपनी हिस्सेदारी की बिक्री करेंगे। लेकिन हो सकता है कि बेचे जाने वाला हिस्सा 49 प्रतिशत न हो। यह इस पर निर्भर करेगा कि समूचा लेनदेन किस तरह होता है और किस तरह के निवेशक दिलचस्पी दिखाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एलआईसी आईडीबीआई बैंक में ‘बड़ी हिस्सेदारी’ नहीं, लेकिन कुछ हिस्सेदारी रखना चाहता है। उन्होंने कहा कि यह दोनों संस्थाओं के ही लिए फायदे का सौदा रहा है। कुमार ने कहा कि आईडीबीआई बैंक का बैंकएश्योरेंस चैनल में सबसे मजबूत अंशदान रहा है। बैंकएश्योरेंस एक बैंक एवं एक बीमा कंपनी के बीच एक तरह की व्यवस्था है जो बीमा कंपनी को अपने उत्पाद बैंक के ग्राहकों और अन्य लोगों को शाखा नेटवर्क के माध्यम से बेचने की अनुमति देती है।
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