जबलपुर 8 अप्रैल (वेदांत समाचार) । हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना के अंतर्गत मृत कर्मी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान न किए जाने के मामले में राज्य शासन के संस्कृति मंत्रालय सहित अन्य से जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। ऐसा न किए जाने की सूरत में संबंधित अधिकारियों संयुक्त निदेशक, संस्कृति विकास मंत्रालय व निदेशक, संस्कृति परिषद को व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहने की ताकीद दी गई है। अगली सुनवाई चार मई को निर्धारित की गई है।
न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता भोपाल निवासी संतोष डाबरे की ओर से अधिवक्ता आशीष त्रिवेदी, असीम त्रिवेदी, आनंद शुक्ला, जयंत पटेल, आशीष तिवारी, अरविंद सिंह चौहान व निशीष पाल ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता की मां साहित्य अकादमी, भोपाल में स्वीपर के पद पर कार्यरत महिला कर्मचारी थीं। सेवा के दौरान कोविड-19 से संक्रमित हो गईं, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने उनका पुत्र होने के नाते अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन किया। लेकिन आवेदन दरकिनार कर दिया गया। याचिककार्ता अनुसूचित जाति का सदस्य है। उसकी मां ने 20 वर्ष तक स्वीपर के रूप में कार्य किया। कोविड के खतरे की परवाह किए बिना सफाई की दिशा में तत्पर रहीं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना के अंतर्गत मृत कर्मी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति से वंचित किया गया। इस योजना के तहत पांच लाख अनुग्रह राशि का भी प्रविधान है। जब राहत नहीं मिली तो हाई काेर्ट आना पड़ा।
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