आखिर क्यों Air India के नए चेयरमैन की जांच कर रही है सरकार, जानिए पूरा मामला

एयर इंडिया (Air India) अब टाटा (Tata) के हाथों में हैं और टाटा ने इसकी कमान इल्कर आइसी के हाथों में सौंपने का फैसला किया है. इधर ये फैसला हुआ और उधर केंद्रीय गृहमंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने आइसी की बैकग्राउंड वैरीफिकेशन (Verification) कराना शुरू कर दिया. मीडिया रिपोर्ट तो ये तक दावा कर रही हैं कि सरकार ये जांच खुफिया एजेंसियों से कराएगी. अब सवाल ये कि आखिर इतनी भारी भरकम जांच की जरूरत क्यों पड़ रही है? और आखिर ये इल्कर आइसी कौन हैं जो टाटा (Tata) के साथ जुड़ते ही अचानक से सुर्खियों में आ गए हैं. चलिए बताते हैं. इल्कर आइसी 2015 से तुर्किश एयरलाइंस (Turkish Airlines) के चेयरमैन थे. उन्होंने इसी साल 27 जनवरी को अपना इस्तीफा दिया. और ठीक इसी दिन भारत सरकार ने एयर इंडिया को टाटा के हाथों में सौंपने का फैसला किया. 1971 में पैदा हुए आइसी इंस्तांबुल के रहने वाले हैं.

आइए जानें पूरा मामला…

  1. 1994 में उन्होंने बिलकेंट यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की. इसके बाद आगे की रिसर्च के लिए यूके की लीड्स यूनिवर्सिटी का रुख किया. 1997 में इंस्तांबुल की मरमरा यूनिवर्सिटी से अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पढ़ाई की. यानी आइसी के पास डिग्रियों की कोई कमी नहीं.
  2. 1994 से लेकर 1998 तक तुर्की के वर्तमान राष्ट्रपति अर्दोआन, इंस्तांबुल के मेयर थे, उस वक्त इल्कर आइसी उनके सलाहकार थे. दोनों के बीच अच्छे संबंध माने जाते हैं. 2015 से लेकर 2022 तक आइसी टर्किश एयरलाइंस के चेयरमैन रहे. ऐसा दावा किया जाता है कि उन्होंने इस एयरलाइंस की कायापलट कर दी.
  3. उनकी इसी काबिलियत को ध्यान में रखते हुए टाटा ने उन्हें एयर इंडिया के सीईओ की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया. इससे पहले दूसरी एयरलाइंस में भी विदेशी नारिकों की नियुक्तियां हो चुकी हैं. लेकिन इस बार आइसी को लेकर मामला तूल पकड़ता दिख रहा है.
  4. क्योंकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आइसी के कथित संभावित संबंध अलकायदा के फाइनेंसर के साथ बताए जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर जानकार बताते हैं कि किसी महत्वपूर्ण पद पर विदेशी नागरिक की नियुक्ति से पहले इस तरह की जांच एक सामान्य प्रक्रिया है और एजेंसियां इसका पालन करती हैं.
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