कृषि मंत्री ने किया केला तना रेशा उत्पादन और दाल प्रसंस्करण इकाई का शुभारंभ

बेेमेतरा22 फ़रवरी (वेदांत समाचार)।  प्रदेश के कृषि विकास और कल्याण, जैवप्रौद्योगिकी, पशुधन विकास, मछली पालन, जलसंसाधन एवं आयाकट मंत्री रविन्द्र चौबे ने सोमवार को बेमेतरा जिले के विकासखण्ड साजा के गौठान ग्राम राखी में गौठान मेला सह कृषक संगोष्ठी और केला तना रेशा उत्पादन इकाई और गौठान ग्राम भैंसामुड़ा में दाल प्रसंस्करण इकाई का लोकार्पण किया। केला तना रेशा उत्पादन इकाई की लागत 10.05 लाख रुपये एवं दाल प्रसंस्करण इकाई की लागत 8.45 लाख रुपये शामिल है। ग्राम राखी मे समूहों के लिए कृषि उत्पाद के लिए वर्किंग शेड निर्माण के लिए लागत 6.37 लाख रुपये और भैंसामुड़ा मे समूहों के लिए कृषि उत्पाद के लिए वर्किंग शेड निर्माण के लिए लागत 5.18 लाख रुपये हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति इंदिरागांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर डॉ. एस. एस. सेंगर ने किया।

कृषिमंत्री चौबे ने कहा कि ग्राम राखी एवं भैसामुड़ा मे एक नये कार्य की शुरुआत हुई है। गौठान मे छोटे उद्योग के रुप मे काम शुरु कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने  सभी जिला मे सी-मार्ट की शुरुआत की जायेगी। जिसमें कुटीर उद्योगों से निर्मित वस्तुओं की बिक्री की जायेगी। जिससे महिला स्वसहायता समूह आत्मनिर्भर बन सके और उनके आमदानी मे इजाफा हो। उन्होने कहा कि  राखी मे महिला स्व सहायता समूह ने केला तना से रेशा उत्पादन और भैंसामुड़ा मे दाल प्रसंस्करण इकाई संचालित की जा रही है। बिक्री की कोई समस्या नहीं आयेगी। स्कूलों मे मध्यान्ह भोजन योजना मे दाल की खपत होगी। कृषिमंत्री ने कहा कि गौठानों मे तेल पेरई मशीन भी स्थापित की जायेगी जिससे कुटीर उद्योग को बढ़ावा मिल सके। केला के तना से जो पानी निकल रहा है उसे खाद के रुप मे उपयोग किया जायेगा। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप गौठानों को आजीविका का केन्द्र बनाने और  ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए गौठानों में वृहद पैमाने पर आयमूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

गोठानों में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत खरीदे जा रहे गोबर से कम्पोस्ट खाद बनाने के साथ ही अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था और व्यवसाय को गति देने के लिए अब गोठानों में कृषि और लघु वनोपज के प्रसंस्करण की इकाईयां भी तेजी से स्थापित की जा रही हैं। मंत्री चौबे ने किसानों से वर्मी कम्पोष्ट खाद का उपयोग कर फसलों के उत्पादन बढ़ाने की अपील की। निदेशक विस्तार सेवाएं इंदिरागांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर डॉ. आर. के. बाजपेयी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

कृषि महाविद्यालय ढोलिया बेमेतरा के अधिष्ठाता डॉ केपी वर्मा ने चने के पौधे मे बिमारी से बचाव के संबंध मे किसान भाईयों को जानकारी दी। कृषि विज्ञान केन्द्र की वैज्ञानिक डॉ. एकता ताम्रकार ने मधुमक्खी पालन के संबंध मे जानकारी देते हुए किसानों से अपनी आमदानी बढ़ाने के संबंध मे प्रकाश डाला। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत लीना मंडावी, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) साजा धनराज मरकाम, बंशी पटेल, अध्यक्ष जनपद पंचायत साजा दिनेश वर्मा, जनपद पंचायत सीईओ साजा कुमारी कांति ध्रुव, पूर्व जपं. अध्यक्ष ओमप्रकाश वर्मा, सरपंच ग्राम पंचायत महीदही (भैंसामुड़ा), जानकी प्रहलाद वर्मा, सरपंच ग्राम पंचायत राखी मति ईश्वरी चौबे एवं पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत राखी प्रकाश चौबे सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे।

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