कोरबा,19 फरवरी (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में पुरैना और ढुरेना गांव के ग्रामीणों ने गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर निर्माण का काम रूकवा दिया है। किसानों का आरोप है कि उनकी अधिग्रहित जमीन और पेड़ों का मुआवजा उन्हें अभी तक मिला नहीं है और अपनी जमीन गंवाने के बाद वे आज तक रोजगार के लिए भटक रहे हैं। ग्रामीणों के विरोध और आक्रोश को देखते हुए कॉरिडोर का कार्य कर रहे कर्मचारी अपनी गाड़ी लेकर भाग खड़े हुए। किसान सभा ने घोषणा की है कि किसानों के मुआवजा प्रकरण का निराकरण होने तक रेल कॉरिडोर का कार्य का काम होने नहीं दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा कोयला ढुलाई को आसान बनाने के लिए गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए सैकड़ों गांवों के हजारों किसानों की हजारों हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिनमें से अधिकांश आदिवासी, दलित और कमजोर तबके से जुड़े हैं।
बिना मुआवजा अधिग्रहित भूमि पर प्रशासन द्वारा पेड़ों की कटाई की खबर मिलते ही किसान सभा के नेता जवाहरसिंह कंवर और प्रशांत झा के साथ दोनों गांवों के कई किसान वहां पहुंच गए और पेड़ों की कटाई का विरोध करने लगे। इस काम मे लगे कर्मचारियों के पास पेड़ों की कटाई का कोई आदेश भी नहीं था, जबकि ग्रामीणों का कहना था कि वन विभाग के आदेश के बिना और मुआवजा का भुगतान किए बिना पेड़ों की कटाई नहीं की जा सकती।
आंदोलनकारी किसानों ने घटना स्थल और कर्मचारियों को घेर लिया तथा अपनी जमीन पर लाल झंडे गाड़कर धरना दे दिया। किसानों के उग्र तेवर को देखते हुए कटाई काम में लगे लोगों को मैदान छोड़कर भागना पड़ा। किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने आरोप लगाया है कि मुआवजा और रोजगार के लिए किसानों ने कई बार जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है, लेकिन आज तक समस्या का निराकरण नहीं किया गया है। जब तक समस्या का निराकरण नहीं होगा, तब तक रेल कॉरिडोर का निर्माण नहीं होगा।
रेल कॉरिडोर के काम को रोकने में शिवरतन सिंह कंवर, मोहपाल सिंह, कवल सिंह कंवर, समान सिंह कंवर, निरतु सिंह, दादू सिंह, पुरषोत्तम कंवर, रघु, संजय, रामगोपाल, नेपाल, अजित, हरि ओमसिंह, सोहनलाल, हेमंत आदि के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।
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