मुंबई : भले ही बुधवार को तीन कारोबारी दिनों की तेजी के बाद डॉलर के मुकाबले में रुपया गिरावट के साथ कारोबार कर रहा हो, लेकिन आने वाले दिनों में रुपया इतिहास रचता हुआ दिखाई दे सकता है. खास बात तो ये है कि आने वाले कुछ दिनों में रुपया 86.30 और 86 के लेवल से नीचे जाते हुए और भी मजबूत होता हुआ दिखाई दे सकता है. जोकि ट्रंप के सत्ता में आने और डॉलर को स्ट्रांग बनाने की मुहिम के बीच सबसे बड़ी सलफता होगी. जानकारों का मानना है कि मौजूदा समय में भारत के मैक्रो डाटा दुनिया के बाकी देशों यहां तक कि अमेरिका से भी बेहतर देखने को मिल रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा भी आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है.
अगर बात बीते कुछ दिनों की करें तो रुपए की तेजी ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर का घमंड तोड़ते हुए अच्छी तेजी कायम की है. तीन कारोबारी सत्रों में रुपए में डॉलर के मुकाबले में 0.76 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. जो कि काफी अच्छा है. खास बात तो ये है कि पिछले महीने के लाइफ टाइम लो के मुकाबले में रुपए में डेढ़ फीसदी से ज्यादा की देखने को मिल चुकी है. अगर भविष्यवाणी सख् साबित होती है तो डॉलर के मुकाबले में ये रिकवरी 2 फीसदी से ज्यादा की देखने को मिल सकती है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर डॉलर के मुकाबले में रुपए को लेकर किस तरह की भविष्यवाणी की गई है. साथ ही बुधवार को रुपया डॉलर के मुकाबले में किस लेवल पर कारोबार कर रहा है.
बुधवार को रुपए में गिरावट
बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 10 पैसे गिरकर 86.66 पर आ गया. फेडरल रिजर्व के ब्याज दर निर्णय से पहले अमेरिकी करेंसी इंडेक्स में मजबूती और ग्लोबल ट्रेड टैरिफ कदमों के कारण मौजूदा चिंताओं के कारण यह गिरावट आई. विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और घरेलू शेयर बाजारों में विदेशी पूंजी के कुछ प्रवाह के कारण स्थानीय मुद्रा को सहारा मिला. इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया कमजोर रुख के साथ 86.60 पर खुला और शुरुआती सौदों में डॉलर के मुकाबले 86.68 पर गिरने से पहले 86.66 पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद स्तर से 10 पैसे की गिरावट दर्शाता है.
लगातार तीनों तक तेजी
उससे पहले डॉलर के मुकाबले में रुपए में लगातार तीन दिनों की तेजी देखने को मिली है. रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 25 पैसे बढ़कर 86.56 पर बंद हुआ, जो लगातार तीसरे सत्र में बढ़त दर्ज करता रहा. तीन दिनों में डॉलर के मुकाबले में रुपए में 66 पैसे की बढ़ोतरी हुई. गुरुवार को पिछले सत्र में 17 पैसे बढ़कर 87.05 पर बंद होने के बाद सोमवार को रुपया 24 पैसे बढ़कर 86.81 पर बंद हुआ था. आंकड़ों के अनुसार फरवरी के महीने में रुपया डॉलर के मुकाबले में 87.94 के लेवल साथ लाइफ टाइम लोअर लेवल पर पहुंच गया था. उसके बाद से रुपए में 1.50 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल चुकी है.
डॉलर का टूटा घमंड
वहीं दूसरी ओर डॉलर इंडेक्स में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. बुधवार को भी बेहद मामूली इजाफा देखने को मिल रहा है और 103 के लेवल से ऊपर कारोबाार कर रहा है. छह करेंसी के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापने वाला अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 0.15 प्रतिशत बढ़कर 103.39 पर कारोबार कर रहा था. वैसे जनवरी के महीने में डॉलर इंडेक्स 110.18 के साथ हाई पर पहुंच गया था. उसके बाद से डॉलर में 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. विश्लेषकों ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में सुधार दिखा, क्योंकि बाजार सहभागी बुधवार को घोषित होने वाले अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर निर्णय से संकेतों की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
रुपए में आ सकती है तेजी
वहीं दूसरी ओर जानकार रुपए को लेकर अभी भी आशावादी बने हुए हैं. जानकारों का कहना है कि डॉलर के मुकाबले में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है. मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी के अनुसार पॉजिटिव ग्लोबल इक्विटी और कमजोर होते डॉलर की वजह से रुपया में तेजी बरकरार रह सकती है. वहीं दूसरी ओर यूक्रेन और रूस सीजफायर होने से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी. उसका फायदा भी रुपए को मिलता हुआ दिखाई दे सकता है. उन्होंने कहा कि व्यापारी अमेरिका से इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन और हाउसिंग सेक्टर के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं. उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि डॉलर के मुकाबले में रुपया 86.3 के लेवल पर पहुंच सकता है. अगर प्रदर्शन और भी बेहतर रहा तो 86 के लेवल के नीचे भी जा सकता है. वहीं खराब परिस्थितियों में 86.80 का स्तर भी छू सकता है.
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 70.37 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. घरेलू इक्विटी बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 30.78 अंक या 0.04 प्रतिशत बढ़कर 75,332.04 अंक पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 12.95 अंक या 0.06 प्रतिशत बढ़कर 22,847.25 अंक पर था. दोनों सूचकांक मंगलवार के सत्र में 1 प्रतिशत से अधिक की तेज बढ़त के साथ बंद हुए. एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को शुद्ध आधार पर 694.57 करोड़ रुपए इक्विटी खरीदी थी.