कानपुर में बच्चे के साथ हैवानियत के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ लिया है। जांच में सामने आया है कि कुकर्म करने की नीयत से बच्चे को अगवा किया था। हैवानियत का गंदा खेल खेलने के बाद पकड़े जाने के डर से उसकी नृशंस हत्या कर दी। एसपी आउटर अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि शक के आधार पर गांव के दो युवकों को उठाया गया था। उनके कपड़े और प्राइवेट पार्ट की जांच कराई गई तो खून के धब्बे मिल गए।
इसके बाद पूछताछ की गई तो दोनों युवक टूट गए। उन्होंने वारदात की बात कुबूल की है। आरोपियों ने पहले खेत में शराब पी थी। इसके बाद भीषण नशे में होने के बाद 10 साल के मासूम को अगवा करके उसके साथ कुकर्म किया। फिर उसके चेहरे को सिगरेट से दागा, आंख में कील ठोंकी, गला घोंटा और प्राइवेट पार्ट में डंडा डालने से लेकर घंटों हैवानियत की। पुलिस अब एक-एक साक्ष्य जुटाकर जल्द ही पूरा खुलासा करेगी। इसके बाद आरोपियों को जेल भेजा जाएगा।
इतनी हैवानियत क्यों?
पुलिस इस बात से हैरान है कि आखिर जब कोई रंजिश नहीं थी, तो इतनी क्रूरता क्यों की गई? पहचान छिपाने के डर से हत्या कर दी तो इतनी हैवानियत का गंदा खेल क्यों खेला गया। यह सब जानने के लिए थानेदार, सीओ सदर ऋषिकेश यादव और एसपी समेत अन्य अफसर पूछताछ कर रहे हैं। आरोपियों की एक-एक बात का सत्यापन कराया जा रहा है।
चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर
IG प्रशांत कुमार गुरुवार को मौका-मुआयना करने गांव पहुंचे थे। पूछताछ के दौरान सामने आया कि परिजन बार-बार चौकी और थाने के चक्कर लगाते रहे। चौकी इंचार्ज ने कार्रवाई करने के बजाए टरका दिया था। अगर पुलिस सक्रिय होकर बच्चे की तलाश करती तो शायद वह बच जाता। IG के आदेश पर चौकी इंचार्ज को फौरन लाइन हाजिर कर दिया गया। अब उसे सस्पेंड करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गई है।
पहले सिर फोड़ा फिर पैर से दबाया गला
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, मौत का कारण हेड इंजरी है। सिर पर वार किया था। इससे सिर की 4 हड्डियां टूट गईं और वह कोमा में चला गया। इसके बाद उसकी मौत हो गई।हत्यारे का इतना सब करने के बाद भी मन नहीं भरा तो उसने गला दबाया, वो भी पैर से। शरीर पर जूते के निशान भी मिले हैं। इससे एक बात तो साफ है कि लात लगाकर ही गला घोंटा गया था, लेकिन मौत सिर पर चोट लगने के बाद हुई थी।
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