प्रदेश के 25 हजार आंगनबाड़ी केंद्र बनेंगे नंद घर, गहलोत सरकार ने किया 750 करोड़ का एमओयू

राजस्थान (Rajasthan) सरकार ने मंगलवार को राज्य के 25 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों (Anganwadi Center in rajasthan) के लिए अहम घोषणा की है. गहलोत सरकार (gehlot government) ने 25 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को ‘नंद घर’ के रूप में विकसित करने का फैसला किया है. बता दें कि सरकार ने मंगलवार को वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (anil agarwal foundation) के साथ इस योजना के तहत एक एमओयू (MOU) पर हस्ताक्षर किए जिसके बाद फाउंडेशन करीब 750 करोड़ रुपये खर्च कर 25 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को नंद घर के रूप में विकसित करने जा रहा है. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok gehlot) ने कहा कि बच्चे हमारे देश की वह पौध हैं, जिनको बेहतर पोषण, अच्छी शिक्षा एवं सुसंस्कार देकर हम एक उत्कृष्ट मानव संसाधन के रूप में तैयार कर सकते हैं.

95 फीसदी प्रसव हो रहे हैं संस्थागत : गहलोत

सीएम गहलोत ने इस दौरान कहा कि प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्र एक उत्कृष्ट मानव संसाधन को तैयार करने की दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं. सीएम ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्र सभी मूलभूत सुविधाओं से युक्त ‘नंद घर’ के रूप में विकसित किए जाएं जिससे मातृ एवं शिशु मृत्युदर को और कम करने में भी मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को निरंतर सुदृढ़ करने की दिशा में काम कर रही है जिसका नतीजा है कि अब करीब 95 फीसदी प्रसव संस्थागत होने लगे हैं. वहीं इस दौरान राज्य सरकार की ओर से प्रमुख शासन सचिव महिला एवं बाल विकास श्रेया गुहा एवं अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की ओर से नंद घर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितु झींगन ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए.

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी एमओयू

इसके अलावा मुख्यमंत्री गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेशकों के साथ 3 लाख 5 हजार करोड़ के एमओयू एवं एलओआई हस्ताक्षर कार्यक्रम को भी संबोधित किया. गहलोत ने इस दौरान कहा कि निवेश को प्रोत्साहन देने की राज्य सरकार की नीतियों का ही परिणाम है कि आज राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनकर उभर रहा है.

उन्होंने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में देश-विदेश की जानी-मानी कंपनियां और इन्वेस्टर्स प्रदेश में निवेश करने लिए आ रहे हैं और हमारी सरकार का प्रयास है कि राजस्थान सोलर उपकरणों के मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में भी विकसित हो जिससे निवेशक इस दिशा में बढ़-चढ़कर अपनी रूचि दिखाए. उन्होंने कहा कि इस निवेश से प्रदेश में करीब 90 हजार मेगावाट से अधिक अक्षय ऊर्जा का उत्पादन होगा.