कोरबा 08 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। कोरोना संक्रमण के बीच आधी अधूरी पढ़ाई के साथ हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों के छात्रों की बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन माध्यम से 2 मार्च से शुरू हो जाएगी। छात्रों को बीते साल की तरह इस बार भी यह राहत दी गई है कि वे जिस संस्था में पढ़ रहे हैं उसी संस्था में परीक्षा देंगे। उन्हें किसी अन्य स्कूल जो परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं वहां परीक्षा देने नहीं जाना पड़ेगा।
परीक्षा के लिए केन्द्राध्यक्षों की नियुक्ति के संबंध में भी शासकीय स्कूलों को राहत दी गई है। शासकीय स्कूलों के प्राचार्य अपने ही स्कूल में केन्द्राध्यक्ष होंगे, जबकि अशासकीय स्कूलों को शासकीय स्कूल के प्राचार्य अथवा व्याख्याताओं की नियुक्ति केन्द्राध्यक्ष के रूप में करनी होगी। इसकी जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी को दी गई है।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव प्रो.वीके गोयल ने मंगलवार को इस आशय का पत्र कोरबा समेत प्रदेश के सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी किए हैं। उन्होंने 10वीं व 12वीं बोर्ड की परीक्षा के लिए केन्द्राध्यक्षों की नियुक्ति करने व परीक्षा के लिए कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने कहा है।
केन्द्राध्यक्षों की सूची माध्यमिक शिक्षा मंडल कार्यालय को भेजने कहा गया है। जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज ने बताया कि मंडल से मिले आदेश का पालन कराते हुए बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी। केन्द्राध्यक्षों के नियुक्ति की सूची तैयारी की जा रही है। समय रहते बोर्ड को भेज दी जाएगी। इस बार जिले के 180 हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों से बोर्ड परीक्षा में 125918 छात्र परीक्षा देंगे।
परीक्षार्थी रिश्तेदार हैं तो उस स्कूल के प्राचार्य नहीं होंगे केन्द्राध्यक्ष
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दिशा निर्देश दिए हैं कि अगर जिस स्कूल के प्राचार्य हैं और उनका पुत्र, पुत्री या पत्नी उसी संस्था में बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे हैं तो उन्हें केन्द्राध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। ऐसी स्थिति में उक्त संस्था के व्याख्याता जिनके भी परिजन परीक्षार्थी न हों उन्हें केन्द्राध्यक्ष नियुक्ति किया जा सकेगा। अपनी संस्था के केन्द्राध्यक्ष के मापदंड पूरा नहीं करने वाले प्राचार्यों/व्याख्याताओं को अशासकीय स्कूलों का केन्द्राध्यक्ष नियुक्ति किया जा सकता है।
कक्षा की क्षमता के अनुरूप होगी सीटिंग
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जिला शिक्षा अधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि परीक्षा के दौरान छात्रों को सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखते हुए कक्ष की क्षमता के अनुसार बैठाया जाएगा। परीक्षा शुरू होने से पहले स्कूल को सेनेटाइज करना होगा। परीक्षक व परीक्षार्थी बिना मास्क के स्कूल में प्रवेश नहीं करेंगे। हैंडवाश व सेनेटाइजर की व्यवस्था रखनी होगी। कोरोना संक्रमित छात्र की पहचान होने पर उसे अलग कमरे में बैठाया जाएगा।
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