LIC IPO : पॉलिसीधारकों को मिलेगा 5% डिस्काउंट, इस हफ्ते फाइल होगा ड्राफ्ट प्रोस्पेक्टस

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आईपीओ का निवेशकों के बीच बड़ी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. कंपनी इसके संबंध में इस हफ्ते ड्राफ्ट रेड हीरिंग प्रोस्पेक्टस (DRHP) को फाइल करने पर विचार कर रही है. ईटी नाऊ की रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी के आने वाले आईपीओ में उसके पॉलिसीधारकों को 5 फीसदी का डिस्काउंट मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा, रिपोर्ट के मुताबिक LIC 10 फरवरी को अपना ड्राफ्ट रेड हीरिंग प्रोस्पेक्टस फाइल करेगी. इसके साथ रिटेल बोली लगाने वालों और कर्मचारियों को प्राइस बैंड (Price Band) पर कुछ छूट मिलने की उम्मीद है.

डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने पिछले हफ्ते संकेत दिया था कि सरकारी बीमा कंपनी द्वारा इस हफ्ते DRHP फाइल किए जाने की उम्मीद है.

पिछले सितंबर में 10 मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति

सरकार ने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी की इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग को पूरा कराने के लिए पिछले सितंबर में 10 मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति की थी. इनमें गोल्डमैन सैक्स, सिटीग्रुप और नोमुरा भी शामिल हैं. वहीं, कानूनी सलाहकार के तौर पर सिरिल अमरचंद मंगलदास को नामित किया गया था.

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले साल जुलाई में एलआईसी के विनिवेश को मंजूरी दी थी. इसे देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ माना जा रहा है.

आपको बता दें कि लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन के मेगा आईपीओ की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. सरकार विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए FDI की पॉलिसी में बदलाव कर सकती है. सरकार हर हाल में LIC IPO को इस तिमाही में लाना चाहती है. DPIIT के सचिव अनुराग जैन ने बताया कि इंश्योरेंस सेक्टर में FDI (फॉरन डायरेक्टर इन्वेस्टमेंट) की लिमिट 74 फीसदी है, हालांकि यह लिमिट लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन के लिए लागू नहीं होती है.

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, जैन ने कहा कि इंश्योरेंस सेक्टर के लिए FDI की वर्तमान पॉलिसी से लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन के विनिवेश की प्रक्रिया में मदद नहीं मिलेगी. ऐसे में फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट पॉलिसी में बदलाव करना होगा. नीतियों में जल्द बदलाव इसलिए करना होगा, क्योंकि LIC का आईपीओ उसी पर निर्भर है.

FDI के नियमों में बदलाव को लेकर डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सिस्टम (DFS) और सरकार के विनिवेश विभाग DIPAM से बातचीत जारी है. इस मुद्दे पर दो अहम बैठक हो चुकी है जिसके बाद DPIIT, DFS, DIPAM की आपसी सहमति भी बन गई है.