रायपुर06 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य ऐसे बजट की खूबियां बताने छत्तीसगढ़ आये थे जिस बजट में देश की आम आदमी के बारे में कोई प्रावधान है ही नहीं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि वित्त मंत्री सीतारमण के पेश किये गये बजट के बारे में यदि टेलीप्राम्पटर में बिना पढ़े तो प्रधानमंत्री मोदी भी एक भी खूबी नहीं बता पायेंगे। चंद उद्योगपतियों के हितों को ध्यान में रखकर बनाये बजट के बारे में भाजपाई मंत्री जनता को क्या खाक समझाने आये थे।
छत्तीसगढ़ की जनता को केंद्रीय बजट की खूबियां बताने आये केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य ने नहीं बताया कि केंद्रीय बजट में किसानों की आय दुगुनी करने के बारे में कहां प्रावधान है? मोदी ने वायदा किया था 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जायेगी, 2022 के केंद्रीय बजट में इसका कहां उल्लेख है? क्या कार्य योजना है? कितना वित्तीय प्रावधान है? छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है मोदी ने 2014 में वायदा किया था हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरियां देंगे, साढ़े सात साल में 15 करोड़ नौकरियां मिलनी थी। इस साल के बजट में निर्मला सीतारमण ने 60 लाख नौकरियों का जिक्र मात्र किया है। यह नौकरियां कब तक कैसे मिलेंगे? इसके लिये बजट में कोई व्यवस्था नहीं है। इसके बारे में भी सिंधिया ने कुछ नहीं बताया।
ईमेल के माध्यम से सुझाव लगाते हैं लेकिन जब देने की बारी आती है तो अधिनायक वादी मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के हक और अधिकारों का गला घोटकर केवल अपनी मर्जी थोपती है। जनवरी के दूसरे सप्ताह में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के आयोजित वर्चुअल बैठक में छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं ने रायपुर में इंटरनेशनल कनेक्टिविटी, कार्बो-हब, आर्मी बेस, रेल सेवा का विस्तार, बैंकिंग सुविधा बढ़ाने, नए मेडिकल कॉलेज खोलने तथा जनजाति विश्वविद्यालय के सेंटर खोलने की मांग रखी गई थी लेकिन बजट में कुछ भी हासिल नहीं हुआ मोदी राज में यदि कुछ बढ़ रहा है तो देश का कर्जा 168 प्रतिशत, विदेशों में भेजा जाने वाला धन, प्रधानमंत्री के चंद पूंजीपति मित्रों की दौलत। आम जनों में भुखमरी, बेरोजगारी और गरीबी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया छत्तीसगढ़ मोदी सरकार के झूठ और जुमलों को परोसने आये थे लेकिन दलबदलू सिंधिया की, नरेन्द्र मोदी की, वायदा खिलाफी की वकालत की हकीकत को जनता भली-भांति समझ चुकी है। बिके हुए अवसरवादी नेता का रिश्ता केवल सत्ता और कुर्सी से, भाजपा के एक-एक कार्यकर्ता से नाता होने का दावा विश्वासघाती सिंधिया का जुमला है।
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