पटोला से लेकर सिल्क साड़ी की शौकीन थीं लता मंगेशकर, अपनी सादगी से जीत लेती थीं सबका दिल

भारत की दिग्गज सिंगर और भारत रत्न लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) बीते काफी वक्त से बीमार थीं. दिग्गज सिंगर को कोरोना वायरस और निमोनिया से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लता मंगेशकर ने हमेशा ही अपने फैंस के दिलों पर राज किया. 

करीब 7 दशक पर अपनी आवाज से तमाम फिल्मी  गानों को अमर बनाने वाली लता मंगेशकर के सिर पर कभी सौहर सिर चढ़कर नहीं बोली. हर दूसरा गाना गाने वाली लता ने हमेशा सादगी को ही अपनाया.

करीब 7 दशक पर अपनी आवाज से तमाम फिल्मी गानों को अमर बनाने वाली लता मंगेशकर के सिर पर कभी सौहर सिर चढ़कर नहीं बोली. हर दूसरा गाना गाने वाली लता ने हमेशा सादगी को ही अपनाया. लता की सादगी का रूप उनकी साड़ियां देती थीं. लता मंगेशकर को हमेशा ही बिना तामझाम के फैंस ने सिंपल की साड़ी को कैरी किए ही देखा. लता जी की साड़ियों की खासियत होती थी, कि वह हमेशा लाइट कलर को चुनती थीं.

लता की सादगी का रूप उनकी साड़ियां देती थीं. लता मंगेशकर को हमेशा ही बिना तामझाम के फैंस ने सिंपल की साड़ी को कैरी किए ही देखा. लता जी की साड़ियों की खासियत होती थी, कि वह हमेशा लाइट कलर को चुनती थीं. लता जी के साड़ी कलेक्शन में पटोला से लेकर सिल्क तक शामिल था. सिंगर की साड़ियों में सफेद रंग का खूब यूज किया जाता था. खास बात ये थी कि वह अपनी साड़ी के पल्लू को अपने कंधे से डालती थीं.

लता जी के साड़ी कलेक्शन में पटोला से लेकर सिल्क तक शामिल था. सिंगर की साड़ियों में सफेद रंग का खूब यूज किया जाता था. खास बात ये थी कि वह अपनी साड़ी के पल्लू को अपने कंधे से डालती थीं. हालांकि सिंपल सी दिखने वाली लता जी की ये साड़ियां हमेशा से खास होती थीं. कहा जाता है कि लता जी की साड़ियों को कारीगर खास रूप से तैयार करते थे.

हालांकि सिंपल सी दिखने वाली लता जी की ये साड़ियां हमेशा से खास होती थीं. कहा जाता है कि लता जी की साड़ियों को कारीगर खास रूप से तैयार करते थे. आज भले लता मंगेशकर इस दुनिया को अलविदा कह गई हैं, लेकिन वो अपने चाहने वालों के बीच हमेशा ही जिंदा रहेंगी. उनकी सादगी और गाने फैंस के बीच छाए रहेंगे.

आज भले लता मंगेशकर इस दुनिया को अलविदा कह गई हैं, लेकिन वो अपने चाहने वालों के बीच हमेशा ही जिंदा रहेंगी. उनकी सादगी और गाने फैंस के बीच छाए रहेंगे.