बिलासपुर 02 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। हाईकोर्ट ने दुर्ग के एसपी को कंटेम्ट ऑफ़ कोर्ट का नोटिस भेज जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट की नाराज़गी उस फ़ैसले की अवहेलना पर हुई है जिसमें हाईकोर्ट ने विभागीय जाँच की प्रक्रिया को दोषपूर्ण मानते हुए सिपाही की विधवा को सारे विभागीय स्वत्व व लाभ प्रदान किए जाने के निर्देश दिए थे।इस मामले में डीबी में शासन की अपील ख़ारिज कर दी गई थी, और सिंगल बेंच के आदेश जारी रखा गया था।
याचिका अनिता ठाकुर की ओर से दायर थी जिसमें यह बताया गया था कि उनके पति कमल राम ठाकुर पुलिस विभाग में आरक्षक थे, जिन्हें सेवा के दौरान बर्खास्त किया गया था। इस बर्ख़ास्तगी के खिलाफ की गई अपील भी ख़ारिज कर दी गई और फिर बर्खास्त आरक्षक की मौत हो गई।इस मामले में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि, विभागीय जाँच के दौरान प्रस्तुत कर्ता अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया और जाँच अधिकारी ने ही बचाव पक्ष के गवाहों का प्रतिपरिक्षण कर दिया,जबकि जाँचकर्ता अधिकारी निर्णय लेने वाला स्वतंत्र अधिकारी होता है।ऐसा कर के वह निष्पक्ष जाँच और निष्कर्ष नहीं दे सकता।
जस्टिस पी सेमकोशी ने निर्णय देते हुए इस जाँच प्रक्रिया को दूषित माना और सेवा मुक्ति के निर्णय को अवैध करार देते हुए निर्णय को निरस्त कर दिया।याचिकाकर्ता को उसके पति को वर्ष 2002 से मिलने वाले वेतन भत्ते तथा 2010 के बाद से सेवानिवृत्ति लाभ देने का आदेश दिया। राज्य सरकार ने इस आदेश के खिलाफ डबल बेंच में अपील की लेकिन डीबी ने अपील ख़ारिज करते हुए सिंगल बेंच के आदेश को सही ठहराया।
इस मामले में सिंगल बेंच द्वारा जारी आदेश जिसमें याचिकाकर्ता को उसके स्वर्गीय पति को मिलने वाले वेतन भत्ते और सेवानिवृत्ति के समस्त स्वत्व दिए जाने के आदेश का पालन नहीं किए जाने की याचिका दायर की गई। जिस पर जस्टिस पी सेमकोशी ने दुर्ग एसपी को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
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