देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह चौथा बजट है जो कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) की तीसरी लहर और पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पेश किया गया है. बजट पेश होने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों की तरफ से कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. इसी कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने (CM Ashok Gehlot) ने केंद्रीय बजट को महंगाई बढ़ाने वाला, उद्योगपतियों की जेब भरने वाला एवं आम आदमी, किसान, मजदूर की जेब खाली करने वाला करार दिया है.
सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि, पिछले 7 साल में केंद्र का राजकोषीय घाटा दोगुना हो गया है और इस बजट के बाद यह घाटा और बढ़ने वाला है. बजट में किसान, आम आदमी, गरीब, महिलाओं एवं वंचित वर्ग के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है.
गहलोत ने आगे कहा कि बजट में रोजगार के नए आंकड़े पेश किए गए हैं परन्तु सरकार की कोई ठोस कार्ययोजना नहीं दिखाई देती है और इसका हश्र भी 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष के वादे जैसा ही होगा. सीएम ने कहा कि यह बजट महंगाई बढ़ाने वाला, उद्योगपतियों की जेब भरने वाला एवं आम आदमी, किसान, मजदूर की जेब खाली करने वाला बजट साबित होगा.
बजट से राजस्थान के नागिरक पूरी तरह निराश : गहलोत
उन्होंने कहा कि इस बजट से 25 सांसद एनडीए को देने वाले राजस्थान के नागिरक पूरी तरह से निराश हुए हैं. गहलोत ने बजट में की गई घोषणाओं पर कहा कि ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा, जल जीवन मिशन में केंद्र राज्य का खर्च 90:10 के अनुपात में करने, जैसलमेर-कांडला रेलवे लाइन एवं गुलाबपुरा में मेमू कोच की स्थापना जैसी कोई भी घोषणा नहीं की गई है.
इधर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि इस बजट से आम आदमी को कोई फायदा नहीं होने वाला है और खासकर युवाओं, किसानों के लिए यह निराशा वाला बजट है. डोटासरा ने कहा कि महंगाई कम करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है और केंद्र सरकार ने बजट में केवल उद्योगपतियों का ध्यान रखा है.
भारत की आशाओं पर खरा उतरने वाला है बजट : राजे
वहीं दूसरी ओर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि आजादी के अमृत महोत्सव के साल पेश हुआ बजट निश्चित रूप से आत्मनिर्भर भारत की आशाओं पर खरा उतरने वाला है. राजे ने कहा कि राष्ट्रोत्थान की नई परिभाषा लिखने वाले इस बजट में देश के सभी वर्गों का विकास निहित है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आएगा.
राजे के मुताबिक हमें पूर्ण विश्वास है कि सभी 135 करोड़ भारतीयों के समग्र विकास को समर्पित यह बजट एक संपन्न भारत की आधारशिला रखकर कोरोना के कारण आई विपदाओं से निपटने में सहायक सिद्ध होगा.
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