घाटे में चल रही टेलीकॉम ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया इस साल मोबाइल सर्विस की दरें बढ़ा सकती है. कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बढ़ोतरी का फैसला कंपनी के नवंबर में किए गए टैरिफ में वृद्धि और बाजार की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा. वोडाफोन आइडिया (VI) के एमडी और सीईओ रविंदर टक्कर ने अर्निंग कॉल के दौरान कहा कि कंपनी ने करीब एक महीने की सर्विस के लिए 99 रुपये की न्यूनतम कीमत तय की है, जो 4जी सर्विस (4G) का इस्तेमाल करने वालों के लिए महंगा नहीं है.
टक्कर ने कहा, हम उम्मीद करेंगे कि 2022 में कीमतों में एक और बढ़ोतरी हो सकती है. आखिरी वाला लगभग 2 साल पहले था जो मुझे लगता है कि थोड़ा लंबा है. उन्होंने कहा, 2022 में हमें यह देखना होगा कि ये कीमतें कितनी बढ़ती हैं. शायद, यह 2023 भी हो सकता है.
कंपनी का घटा सब्सक्राइबर बेस
प्लान्स के महंगे होने के बाद वोडाफोन-आइडिया का सब्सक्राइबर बेस एक साल में 26.98 करोड़ के घटकर 24.72 करोड़ पर आ गया है. टैरिफ बढ़ोतरी के बावजूद, इसका औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (ARPU) लगभग 5 प्रतिशत घटकर 115 रुपये हो गया, जबकि 2020-21 की समान तिमाही में यह 121 रुपये था.
दिसंबर तिमाही में कंपनी का घाटा बढ़ा
कर्ज में डूबे टेलीकॉम ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया ने पिछले हफ्ते दिसंबर 2021 को समाप्त तीसरी तिमाही के लिए अपना कंसोलिडेटेड शुद्ध घाटा बढ़ाकर 7,230.9 करोड़ रुपये कर दिया. एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी को 4,532.1 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
परिचालन से कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 2020-21 की इसी तिमाही में 10,894.1 करोड़ रुपये से 10.8 फीसदी घटकर 9,717.3 करोड़ रुपये रह गया.
कंपनी पर 1.98 लाख करोड़ रुपये का कर्ज
VIL’s का कुल ग्रॉस डेट, पट्टे की देनदारियों को छोड़कर और ब्याज सहित, लेकिन देय नहीं, 31 दिसंबर, 2021 तक 1,98,980 करोड़ रुपये था, जिसमें 1,11,300 करोड़ रुपये के डेफर्ड स्पेक्ट्रम भुगतान ड्यू, 64,620 करोड़ रुपये की एजीआर (AGR) लायबिलिटी शामिल थी. सरकार और बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 23,060 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है.
वोडाफोन आइडिया के शेयर में आई तेजी
सोमवार को वोडाफोन आइडिया के शेयर में करीब 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. हालांकि मंगलवार बाजार में कमजोरी के बीच कंपनी के शेयर में 35 फीसदी से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गई है. फिलहाल शेयर 2.28 फीसदी की उछाल के साथ 11.25 रुपये पर ट्रेड कर रहा है.
कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी बढ़ी
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने कुछ दिन पहले कहा था कि भारत सरकार कंपनी में 36 फीसदी हिस्सेदारी अधिग्रहित करेगी. बोर्ड ने कंपनी की लाएबिलिटी को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया में सबसे बड़ी हिस्सेदारी सरकार के पास होगी. उसके बाद Vodafone Group Plc की हिस्सेदारी 28.5 फीसदी, आदित्य बिड़ला ग्रुप की हिस्सेदारी 17.8 फीसदी होगी.
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