बिलासपुर 24 जनवरी (वेदांत समाचार)। भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के केस में गिरफ्तार निलंबित एडीजी और IPS जीपी सिंह ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में सोमवार को याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि पुलिस रिमांड में उनसे 200 से अधिक सवाल पूछे गए, जिसका उन्होंने जवाब दिया है। पूछताछ पूरी होने के बाद ही उन्हें न्यायिक रिमांड में भेजा गया है। इससे स्पष्ट है कि EOW को उनके सवालों के जवाब मिल गए हैं। अब उन्हें सुनवाई का मौका देना चाहिए। इन सबके लिए उनका जेल से बाहर आना जरूरी है। हालांकि, उनकी याचिका पर अभी सुनवाई की तिथि तय नहीं हुई है।
EOW की टीम ने उन्हें 11 जनवरी को नोएडा से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें 7 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर रखा गया था। 18 जनवरी को उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से जीपी सिंह को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इस दौरान उनके वकील ने कोर्ट से जमानत देने की मांग की, जिसे खारिज कर दिया गया। इधर निचली अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उनके वकील आशुतोष पांडेय ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका प्रस्तुत की है।
इसमें बताया गया है कि EOW की जांच पूरी हो गई है। यही वजह है कि पुलिस रिमांड लेकर उनसे पूछताछ की गई। याचिका में कहा गया है कि जीपी सिंह अपनी गिरफ्तारी से पूर्व ही EOW की सभी नोटिस का जवाब दे चुके हैं। EOW ने आय से अधिक संपत्ति का मामला बनाया है, उसमें उन्हें अपनी संपत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए मौका नहीं दिया गया है, जो संविधान की अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। संवैधानिक अधिकार के तहत अब उन्हें अपनी संपत्ति का ब्योरा देने के लिए जेल से बाहर आना आवश्यक है।
2020 के बाद पहला मामला जिसमें गिरफ्तारी हुई है
याचिकाकर्ता के वकील आशुतोष पांडेय ने यह भी बताया है कि साल 2020 में EOW की स्थापना के बाद आय से अधिक संपत्ति का यह पहला ऐसा केस है, जिसमें पहली गिरफ्तारी की गई है। अभी तक आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के प्रकरणों में संबंधित आरोपियों को संपत्ति का हिसाब जमा करने के लिए अवसर दिया गया है। लेकिन, इस केस में पहले आरोपी की गिरफ्तारी की गई है और उन्हें अपनी संपत्ति का हिसाब देने के लिए भी समय नहीं दिया गया है।
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