राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) पर देश की बेटियों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई देते हुए जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने सोमवार को हर बालिका को समान अधिकार देने और उन्हें मौके मुहैया कराकर सशक्त बनाने का आह्वान किया. सिन्हा ने लोगों से बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और लड़कियों को समर्थन और मौके प्रदान करने के लिए सामूहिक कोशिश करने को कहा.
उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा, ‘हम हर बालिका के लिए समान अधिकार हासिल करने, उन्हें एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और स्थायी समाज में मौके प्रदान कर सशक्त बनाने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं.’ उपराज्यपाल ने कहा, ‘मैं देश की बेटियों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों के लिए सलाम करता हूं. वे वैश्विक महामारी से लड़ने वाली हमारी स्वास्थ्य प्रणाली का आधार-स्तंभ भी हैं.’ उन्होंने कहा, ‘लड़कियों की शिक्षा, उनके स्वास्थ्य और पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना हमारी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है.’
सिन्हा ने कहा कि बालिकाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहे सभी लोगों के प्रयास सराहनीय हैं. राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को बच्चियों के अधिकारों को लेकर जागरूकता पैदा करने और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व पर संदेश फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय बालिका दिवस
राष्ट्रीय बालिका दिवस को हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है. इसकी शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने साल 2008 में की थी. इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें सेव द गर्ल चाइल्ड, चाइल्ड सेक्स रेशियो और बालिकाओ के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षित वातावरण बनाने सहित जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं. राष्ट्रीय बालिका दिवस को मनाने के लिए 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया है, क्योंकि इसी दिन साल 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने का उद्देश्य समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है.
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