गोपालकों को चार करोड़ 21 लाख रुपये की राशि का सीएम बघेल ने किया आनलाइन भुगतान

रायपुर 22 जनवरी (वेदांत समाचार)। छत्‍तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बघेल शनिवार को सीएम निवास कार्यालय में आयोजित गोधन न्याय योजना के रााशि अंतरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पशुपालक ग्रामीणों, गोठान समितियों और गोठानों से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों को चार करोड़ 21 लाख रुपये की राशि का आनलाइन भुगतान किया, जिसमें बीते एक पखवाड़े में क्रय गोबर के एवज में दो करोड़ 76 लाख रुपये गोठान समितियों को 87 लाख रुपये और महिला स्व-सहायता समूहों को 58 लाख रुपये की लाभांश राशि शामिल है। गोबर खरीदी की एवज में अब तक गोपालकों को 122 करोड़ 17 लाख रुपये तथा गोठान समितियों को 45.31 लाख रुपये और महिला स्व-सहायता समूहों को 29.46 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना को पूरे देश में एक आदर्श योजना के रूप में स्वीकार किया है। इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के राजपथ पर गोधन न्याय योजना की झांकी देश-दुनिया के लोग देखेगें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को छत्तीसगढ़ राज्य में मिशन के रूप में संचालित किया जा रहा है। गांवों में स्थापित गोठानों में आजीविका के साधनों को बढ़ाने के उद्देश्य से यहां रूरल इंडस्ट्रियल पार्क तेजी से विकसित किए जा रहे है। गोठानों में अब तेल मिल एवं दाल मिल स्थापित किए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रथम चरण में राज्य के 148 गोठानों में तेल मिल और 188 गोठानों में दाल मिल की स्थापना की जा रही है। इससे गोठानों में आय मूलक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देकर राज्य में कृषि लागत को कम करने में मदद मिली है। फसल विविधीकरण को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है और कृषि उत्पाद के प्रोसेसिंग की व्यवस्था गोठानों में कर रहे है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने गोठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार करने में जुटी महिला स्व-सहायता समूह की सराहना की और कहा कि हमारी महिला बहनों ने अब तक 10.38 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट तथा 4.36 लाख क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट खाद तैयार किया है, जिससे राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है और रासायनिक उर्वरकों की कमी को भी पूरा करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि गोठानों में आय की विविधगतिविधियों को अपनाकर हमारी महिला बहनों ने अबतक 50 करोड़ 57 लाख रुपये की आय अर्जित की है। इससे महिला समूहों में स्वावलंबन के प्रति एक नया आत्मविश्वास जगा है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में कृषि उत्पादन आयुक्त डा. कमलप्रीत सिंह ने गोधन न्याय योजना की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 10591 गोठान स्वीकृत किए गए है, जिसमें से 7,933 पूर्ण रूप से संचालित है। गोधन न्याय योजना के तहत गोठानों में अब तक 61.07 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। उन्होंने गोठानों में वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन, विक्रय एवं अन्य आय मूलक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, गोधन न्याय योजना के राज्य नोडल अधिकारी डा. एस भारतीदासन, संचालक उद्यानिकी माथेश्वरन वी., संयुक्त सचिव कृषि के.सी. पैकरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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