महाराष्ट्र की ही तरह गोवा में भी महा विकास आघाड़ी (कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना) गठबंधन के प्रयोग को दोहराने के शिवसेना के आग्रह को कांग्रेस द्वारा ठुकरा दिया गया है. कांग्रेस गोवा में फॉरवर्ड ब्लॉक के साथ मिलकर बीजेपी से टक्कर ले रही है. ऐसे में गोवा विधानसभा चुनाव (Goa Election) शिवसेना अब एनसीपी के साथ मिलकर लड़ेगी. कांग्रेस इस गठबंधन में शामिल नहीं होगी. शिवसेना सांसद संजय राउत (Shiv Sena Sanjay Raut) ने हमारे सहयोगी न्यूज चैनल TV9 मराठी से बातचीत में कहा कि, ‘ हमने उनसे 40 सीटों में से 10 सीटें मांगी थी और कहा था कि 30 सीटों पर आप लड़ें. लेकिन कांग्रेस को यह भी गवारा नहीं हुआ. कोई बात नहीं शिवसेना और एनसीपी एक-साथ मिलकर वहां चुनाव लड़ेगी.’ एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी मीडिया से बातचीत में बताया कि एनसीपी गोवा में शिवसेना के साथ और मणिपुर (Manipur Election) में कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ेगी. उन्होंने बताया कि इस संबंध में फिलहाल बातचीत शुरू है,
इस बीच गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री रह चुके दिवंगत मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर बीजेपी से बगावत पर उतर आए हैं. उन्होंने बीजेपी के गोवा चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस से यह साफ कह दिया है कि अगर उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा है कि गोवा में अपराधियों को टिकट देने में हर्ज नहीं है तो उन्हें टिकट देने में क्या हर्ज है? संजय राउत ने उत्पल पर्रिकर का समर्थन किया है.
‘कांग्रेस अलग ही लहरों के झोंकों पर सवार है, करंट लगने का इंतजार है’
कांग्रेस द्वारा गठबंधन के लिए राजी ना होने पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि, ‘ कांग्रेस के साथ हमारी चर्चा हुई. लेकिन गोवा में कांग्रेस अलग ही लहरों के झोंकों पर सवार है. चलो ठीक है, उन्हें तैरने दो, करंट लगेगा ,तब पता चलेगा. शिवसेना कांग्रेस के बिना ही लड़ेगी. शिवसेना यहां पहली बार चुनाव नहीं लड़ रही है. हर चुनाव में शिवसेना की पार्टी के तौर पर हैसियत बढ़ती गई है.’
‘डिपॉजिट तो बीजेपी की भी जब्त होती रही है, फडणवीस की बड़ी कमजोर मेमोरी है’
कुछ दिनों पहले देवेंद्र फडणवीस ने गोवा में शिवसेना के चुनाव लड़ने के मुद्दे पर कहा था कि शिवसेना की गोवा में लड़ाई सिर्फ इतनी है कि इस बार उनके उम्मीदवारों की जमानत ना जब्त हो. उसका जवाब देते हुए संजय राउत ने कहा कि, ‘ एक वक्त बीजेपी ने भी जब यहां 12-13 सीटों पर चुनाव लड़ा था तो उनके सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी. एक बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 360 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ज्यादातर लोगों की जमानत जब्त हुई है. राजनीति में यह सब होता रहता है. लेकिन इसका मतलब चुनाव नहीं लड़ें क्या? ‘
‘बीजेपी बहुमत के आस-पास रुकती है, फिर तोड़ो-फोड़ो की नीति पर चलती है’
संजय राउत ने कहा कि, ‘कांग्रेस और बीजेपी ने अपने-अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. निश्चित रूप से बीजेपी को बहुमत मिलने वाला नहीं है. लिख कर ले लें. गोवा में शिवसेना का प्रभाव बढ़ा है. महाराष्ट्र सरकार का प्रभाव बढ़ा है. ठाकरे सरकार का वहां प्रभाव बढ़ा है. शिवसेना वहां जमीनी स्तर पर काम कर रही है. गोवा में बीजेपी ने अपने दम पर कभी सरकार नहीं बनाई. जब मनोहर पर्रिकर थे, तब भी नहीं. वह बहुमत के पास आकर रूक जाती है. फिर यहां-वहां से विधायकों की खरीद-फरोख्त करती है. तोड़ो-फोड़ो राज करो, बीजेपी की गोवा में यही नीति है.’
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