जबलपुर, 14 जनवरी (वेदांत समाचार)। एनडीपीएस के विशेष न्यायाधीश आशुतोष मिश्र की अदालत ने महिला को गांजा प्रकरण में दोषमुक्त कर दिया। आरोपित देवरी हटाई, थाना बड़वारा, जिला कटनी निवासी सविता सोनी की ओर से अधिवक्ता संदीप जैन ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि बड़वारा थाना पुलिस ने दुर्भावनावश थाने में गांजा तस्करी का झूठा प्रकरण बनाया था। यही वजह है कि ट्रायल के दौरान अभियोजन अपराध साबित करने में नाकाम रहा है।
वस्तुस्थिति यह है कि महिला के खिलाफ मनमाना अपराध पंजीबद्ध किए जाने से उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा को अपूर्णीय क्षति पहुंची है। पुलिस ने आठ किलो गांजा का मामला बनाया। जबकि महिला का गांजा तस्करी से कोई सरोकार नहीं है। यही वजह है कि अभियोजन संदेह से परे अपराध प्रमाणित करने में सफल नहीं हुआ है। कुल मिलाकर अपराध पंजीबद्ध करने से लेकर अदालत में बहस तक पुलिस की कहानी बार-बार विरोधाभासी व झूठी साबित हुई है। अदालत ने तर्क से सहमत होकर दोषमुक्ति आदेश पारित कर दिया।
मासूम से छेड़छाड़ पर एक वर्ष का कठोर कारावास, दो हजार रुपये जुर्माना : प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकरी अंजली शाह की अदालत ने सात वर्षीय मासूम बच्ची से छेड़छाड़ के आरोपित पनागर निवासी सुनील गोंटिया को एक वर्ष के कठाेर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी रानी जैन ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि मासूम की मां मजदूरी करती है। एक फरवरी, 2010 को जब वह नहर में काम करने गई तो उसकी मासूम बेटी भी साथ चली आई। दोपहर तीन बजे आरोपित वहां आया।
धूप अधिक होने के कारण उसे मासूम को घर छोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई। जब मजूदरी करके मां घर पहुंची तो रोते-बिलखते हुए बेटी ने छेड़छाड़ के बारे में बताया। मासूम ने बताया कि वह हाथ में काटकर किसी तरह बचकर भागी थी। यह जानकारी मासूम के पिता को दी गई। लिहाजा, दोनों ने थाने जाकर शिकायत कर दी। पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर लिया। अदालत ने दोष सिद्ध पाकर सजा सुना दी।
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