हालात की हकीकत को समझते हुए, कुछ सियासी दलों ने जनता पर रहम करते हुए, रैलियां रद्द करने का ऐलान किया है. इस कड़ी में पहले आगे आई कांग्रेस ने अपनी सभी रैलियां रद्द कर दी हैं. ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ वाली मैराथन भी कैंसिंल कर दी गई है.
‘कोरोना’ (Corona) हंसती-खेलती जिंदगियों पर जानलेवा कहर का वो खौफनाक नाम है, जिसकी लहर और कहर से पूरी दुनिया कराह चुकी है. दो बार की त्रासदी के बाद, एक बार फिर कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave) ने दस्तक दी है. देश में कोरोना के मामलों का आंकड़ा 70 हजार के पार हो चुका है. यूपी से लेकर दिल्ली तक ये आंकड़ा लागातर बढ़ रहा है. कोरोना की चपेट में अभी तक सियासत से लेकर बॉलीवुड तक के वो तमाम चेहरे आ चुके हैं, जिनके पास ना सुविधाओं की कमी है और ना संसाधनों का कोई टोटा.
ऐसे में सोचिए, जब प्रियंका गांधी, केजरीवाल, मनोज तिवारी, रणदीप सुरजेवाला के अलावा बिहार सीएम हाउस में करीब 30 से ज्यादा स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं और महाराष्ट्र में करीब 100 VVIP के दरवाजों तक भी कोरोना दस्तक दे सकता है, तो दो जून की रोटी के जुगाड़ में जुटे रहने वाली आम जनता की जान की हिफाजत कैसे होगी. लिहाजा इसकी जिम्मेदारी अब सरकार और राजनीतिक दलों की ज्यादा है, क्योंकि, चुनावी मौसम में रैली, रोड शो और जनसभाओं में जुट रही भीड़, कोरोना के लिए खुला निमंत्रण नहीं तो और क्या है?
राजनीतिक दलों ने रद्द की रैलियां
हालांकि, हालात की हकीकत को समझते हुए, कुछ सियासी दलों ने जनता पर रहम करते हुए, रैलियां रद्द करने का ऐलान किया है. इस कड़ी में पहले आगे आई कांग्रेस ने अपनी सभी रैलियां रद्द कर दी हैं. ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ वाली मैराथन भी कैंसिंल कर दी गई है. और कांग्रेस ने वहीं चुनाव आयोग को पत्र लिखकर PM और CM की रैलियों पर भी रोक लगाने की मांग की है.
बीजेपी ने भी रद्द की रैलियां
इधर कोरोना के कहर को देखते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी नोएडा में होने वाली रैली को रद्द कर दिया है. यूपी सरकार ने तो नाइट कर्फ्यू के समय में भी बदलाव करते हुए रात 10 बजे से नाइट कर्फ्यू का आदेश दे दिया है. वहीं शादी और सार्वजनिक समारोहों के लिए भी नियम तय कर दिए किए गए हैं. यूपी में शादी समारोह अगर बंद जगह पर होती है तो वहां 100 लोग शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा खुली जगह में होने वाले शादी समारोह में 50 फीसदी लोग शामिल होंगे.
चुनाव आयोग की चिंता
कोरोना और रैलियों पर दो नियम नहीं होने चाहिए. यूपी में रैली रद्द करके पंजाब में चुनावी पंडाल सजाना भी सवाल खड़े करता है. ऐसे में चिंतित हुए चुनाव आयोग को भी बैठक बुलानी पड़ी. एक ओर तो ओमिक्रॉन और कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं, वहीं यूपी के चुनावी दंगल में सभी दल अपनी-अपनी रैलियों में भीड़ का दंभ दिखा रहे हैं. हालांकि, अब रैलियां रद्द करने की रस्म पर सवाल ये है कि, क्या राजनीतिक दलों ने बहुत देर कर दी. इस नतीजे तक आते-आते?
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