प्रोडक्ट बनाने में लगने वाले कच्चे माल जैसे कि क्रूड, मेलशियन पाम ऑयल और चीनी के दाम में क्रमशः 60.06, 65 और 20 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. कच्चे माल के दाम बढ़ने से निर्माण या लागत का बोझ बढ़ा है जिसकी भरपाई के लिए कंपनियों ने अपने सामान के रेट बढ़ा दिए.
गुजरे साल की तरह नए साल 2022 में भी कई सामानों के दाम बढ़ने वाले हैं. बिस्कुट से लेकर आटा-दाल और शैंपू तक के रेट में वृद्धि होने की संभावना है. कहा जा रहा है कि नए साल में उपभोक्ताओं को सामानों के दाम बढ़ने से राहत मिलने की संभावना कम है. लागत मूल्य में वृद्धि और सप्लाई चेन में आ रही बाधा के चलते सामानों के दाम बढ़ सकते हैं. पिछले साल भी ऐसा देखा गया जब कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने तेजी दिखाई तो डिमांड बढ़ने के बावजूद सप्लाई में दिक्कतें आईं. इसकी भरपाई के लिए कंपनियों ने सामान के भाव बढ़ा दिए. अब फिर से ओमिक्रॉन वेरिएंट की तेजी देखी जा रही है. लिहाजा, सामानों के रेट बढ़ सकते हैं.
उद्योगों से जुड़े कई पदाधिकारियों ने BloombergQuint को बताया कि खाने-पीने की चीजें बनाने वाली कंपनियां साल 2022 में प्रोडक्ट के दाम में 4-20 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं. कुछ महीने पहले ही कंज्यूमर प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों ने कई सामानों के रेट बढ़ाए थे. अभी फिर आगे की तैयारी लगभग पूरी है.
पिछली बार कंपनियों का तर्क था कि कोरोना के चलते कमोडिटी और माल ढुलाई का खर्च बढ़ गया है जिसके चलते प्रोडक्ट के रेट बढ़ाने के सिवा दूसरा कोई चारा नहीं. ब्रिटानिया जैसी कंपनी ने लगभग हर बिस्कुट के पैकेट का रेट 5 रुपये तक बढ़ा दिया. बाकी कंपनियों ने भी ऐसा ही किया. जिन कंपनियों ने रेट नहीं बढ़ाए, वे अपने प्रोडक्ट का वजन कम कर दिया और कीमत पुरानी रहने दी.
‘ब्लूमबर्ग’ के आंकड़े बताते हैं कि प्रोडक्ट बनाने में लगने वाले कच्चे माल जैसे कि क्रूड, मेलशियन पाम ऑयल और चीनी के दाम में क्रमशः 60.06, 65 और 20 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. कच्चे माल के दाम बढ़ने से निर्माण या लागत का बोझ बढ़ा है जिसकी भरपाई के लिए कंपनियों ने अपने सामान के रेट बढ़ा दिए. यही ट्रेंड फिर से बनता दिख रहा है. ऐसे में एक बार फिर खाने-पीने के सामान के रेट बढ़ सकते हैं. हिंदुस्तान यूनिलीवर और मेरिको जैसी कंपनियां अपने प्रोडक्ट के रेट बढ़ा सकती हैं.
इन चीजों के बढ़ेंगे रेट
अडानी विल्मर लिमिटेड के चीफ एक्जिक्यूटिव ऑफिसर आंगशु मलिक ने BloombergQuint से कहा, हम लगभग सभी प्रोडक्ट की कीमत 5 परसेंट तक बढ़ाने की सोच रहे हैं. इसमें पैकेटबंद आटा, बासमती चावल और दालें शामिल हैं. खाद्य तेलों को इससे बाहर रखा जाएगा.
नहीं बढ़ेंगे तेलों के दाम
खाद्य तेलों खासकर सरसों तेल के दाम अभी बढ़ने की गुंजाइश नहीं क्योंकि यह सबसे ऊंची दर पर चल रहा है. अभी कुछ सस्ता हुआ है जब तेल के दाम 250 रुपये लीटर तक चले गए थे. अब 200 से नीचे आए हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाद्य तेलों के दाम 10-15 फीसदी तक कम हुए हैं, सरकार ने भी इंपोर्ट ड्यूटी घटाई है. इसके अलावा के खर्च में हालांकि बढ़ोतरी हुई है. मलिक का कहना है कि तेल की पैकिंग पहले से 16-20 परसेंट तक बढ़ गई है.
गेहूं के भाव पहले से बढ़ गए हैं. गेहूं का इस्तेमाल ब्रेड, बिस्कुट और अन्य खाद्य सामानों को बनाने में होता है. गेहूं के दाम बढ़ने से इससे जुड़े सामानों के भाव भी बढ़ेंगे. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का आंकड़ा बताता है कि 2020 नवंबर से 2021 नवंबर आते-आते गेहूं के भाव में 10.1 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई. इसके चलते कई सामान के भाव बढ़ गए और आगे भी वृद्धि देखी जा सकती है.
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