CG BREAKING : फैक्ट्री में बन रही थी नकली देशी शराब, अचानक पुलिस ने दी दबिश तो…

बलौदाबाजार 30 दिसम्बर (वेदांत समाचार । बलौदाबाजार जिले के पलारी थाना क्षेत्र के अंतर्गत नकली देशी शराब बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश किया गया है। पुलिस ने सूचना पर जब दबिश दी, तो उनकी भी आंखे फटी रह गई। चौंकाने वाली बात यह है कि गुड़ की चासनी और साल्वेंट से निर्मित इस देशी शराब को 100—100 रुपए में खपाया जा रहा था और धड़ल्ले से सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा था।

इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए एसडीओपी बलौदाबाजार सुभाष दास ने बताया कि लवन थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कुम्हारी में भरत सिंह ठाकुर के घर पर दबिश दी गई। पुलिस ने मौका मुआयना किया, तो देशी शराब की बोतलें, उसके कॉक और लेबल हूबहू आबकारी विभाग द्वारा जारी हॉलमार्क जैसे ही मिले, जिसे देखकर कोई भी असली होने का धोखा खा सकता है।

बताया जा रहा है कि नकली शराब बनाने की योजना आरोपी भारत ठाकुर ने बनाई। वह पूर्व में देशी शराब भट्टी रोहांसी और लवन में काम करता था। जिस कारण उसे शराब के विक्रय, लेबल आदि के संबंध में पूरी जानकारी थी। 02 साल पहले उसकी मुलाकात नागपुर में निवासरत उमेश कुमार नामक व्यक्ति से हुई। उमेश कुमार पहले से ही नागपुर में नकली शराब बनाने का अवैध कार्य कर रहा है। उमेश कुमार के माध्यम से भरत ठाकुर ने शराब पैकिंग के लिए नकली होलोग्राम वाला ढक्कन, स्टीकर एवं सॉल्वेंट लेकर ग्राम कुम्हारी आया।

40 लाख का बेच चुके अवैध शराब

वारदात का तरीका सभी सामान को इकट्ठा कर भरत ठाकुर ने अपने घर में नकली शराब बनाने की फैक्ट्री प्रारंभ की। एक ड्रम सॉल्वेंट में आरोपी द्वारा 03 ड्रम नकली शराब का निर्माण किया जाता था। 02 साल पहले से आरोपी ने लगभग 50,000 से ज्यादा की संख्या में नकली होलोग्राम वाला ढक्कन लाकर घर में रखा था। जो कि पिछले 02 सालों मे अवैध रूप से नकली शराब का निर्माण कर क्षेत्र में खपा रहा था। पुलिस की रेड कार्यवाही में लगभग 3,000 ढक्कन बरामद हुआ। आरोपी द्वारा नकली शराब का एक पव्वा ₹100 की दर से क्षेत्र में बेचा जा रहा था, इस हिसाब से आरोपी द्वारा साल भर मे लगभग 40 लाख रूपये का नकली शराब क्षेत्र में बेचा जा चुका है।

ऐसे बनती थी नकली शराब

आरोपी द्वारा नकली शराब बनाने के लिए 01 लीटर सॉल्वेंट में 02 लीटर पानी, कलर तथा गुड़ की चाशनी मिलाकर शराब बनाया जाता था। नकली होलोग्राम वाला ढक्कन से शीशी पैकिंग पश्चात नकली स्टीकर से लेवल का काम बडी सफाई से किया जाता था जिससे शराब की शीशी बिल्कुल असली लगे।