महाराष्ट्र 29 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। बकाया बिजली बिल नहीं भरने वालों के साथ सख्ती बरती जा रही है. नोटिस भेजे जाने के बाद भी अगर बिजली बिल नहीं भरा जा रहा है तो बिजली कंपनी के कर्मचारी घर आकर वायर काट कर रहे हैं (Electricity Bill Recovery)और मीटर अपने साथ ले जा रहे हैं. महाराष्ट्र में बिजली वितरण करने वाली सरकारी कंपनी एमएसईडीसीएल/महावितरण (Maharashtra State Electricity Distribution Company Ltd.-MSEDCL/ MahaVitaran) कंपनी के पास बहुत अधिक पेंडिंग इलेक्ट्रिसिटी बिल जमा है. उनकी वसूली के लिए अब यह बिजली कंपनी ऐक्शन में दिखाई दे रही है.
मराठवाडा के औद्योगिक और वाणिज्यिक 31 हजार 857 बिजली ग्राहकों के पास 43.80 करोड़ रुपए का बिल पेंडिंग है. इन ग्राहकों को नोटिस भी भेजा गया. लेकिन नोटिस का कोई जवाब नहीं आने पर और बिल नहीं भरने पर अब महावितरण ने कार्रवाई शुरू कर दी है. यह तो सिर्फ मराठवाड़ा रीजन का आंकड़ा है. इसी तरह के पेंडिंग बिलों के आंकड़े अन्य क्षेत्रों में भी हो गए हैं. एसे में बिजली कंपनी ने घरेलु, वाणिज्यिक, औद्योगिक, कृषिपंप यानी सभी तरह के ग्राहकों से सख्ती के साथ बिल वसूली शुरू की है.
पेंडिंग बिजली बिल से महावितरण की हालत खस्ता, अब वसूली का बचा यही रास्ता
एमएसईडीसीएल द्वारा ‘हर घर दस्तक’ मुहिम के माध्यम से बिजली बिल वसूली की कार्रवाई में तेजी लाई गई है. वसूली के लिए सख्ती बढ़ाने की वजह यह है कि कई करोड़ों में पेंडिंग बिजली बिल की वजह से कंपनी की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल है. रोजमर्रे का खर्चा निकालना भी मुश्किल हो रहा है. कोयले खरीदने के लिए निजी कंपनियों को पैसे देने पड़ते हैं. यही वजह है कि कुछ दिनों पहले उर्जा मंत्री नितिन राउत ने यह स्पष्ट किया था कि किसी का भी बिजली बिल माफ नहीं किया जाएगा.
एक तरफ सख्ती से वसूली, दूसरी तरफ ग्राहक जागरुकता अभियान
इसके बाद महावितरण ने ग्राहकों को नोटिस भेजना शुरू किया. नोटिस भेजे जाने के बाद भी बिल नहीं भरने वाले ग्राहकों के मीटर और वायर को जब्त करने की कार्रवाई अब शुरू कर दी गई है. एक तरफ बिजली बिल की वसूली में सख्ती शुरू है तो दूसरी तरफ बिल वसूली के लिए ग्राहक जागरुकता अभियान भी शुरू किया गया है. ग्राहकों से बार-बार संपर्क किया जा रहा है. मराठवाडा की ही बात करें तो करीब 15 हजार करोड़ रुपए का बिजली बिल पेंडिंग है. महावितरण की पूरी टीम बिल वसूली के काम में लग गई है. इसके बावजूद बहुत ही थोड़ी संख्या में ग्राहकों से वसूली में कामयाबी मिल पाई है.
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