देश में नशाखोरी पर लगाम लगाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने बुलाई बैठक, ड्रोन-सैटेलाइट के इस्तेमाल सहित कई अहम फैसले हुए..

देश में बढ़ती नशाखोरी पर लगाम लगाने और नारकोटिक्स के बढ़ते मामले पर रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है. इसके लिए सोमवार शाम गृहमंत्री अमित शाह ने नार्को कोआर्डिनेशन सेंटर की बैठक बुलाई. बैठक में गृहसचिव, इंटेलिजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजी सहित कई महत्वपूर्ण अधिकारियों ने हिस्सा लिया. नशे के कारोबार और इसके प्रसार पर लगाम लगाने के लिए गृहमंत्री ने इस बैठक में कई अहम फैसले लिए हैं.

बैठक में तमाम मुद्दों पर विचार करने के बाद फैसला लिया गया कि सभी राज्य डीजीपी के अधीन डेडीकेटेड एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का गठन करेंगे. राष्ट्रीय स्तर पर एनसीबी के अंतर्गत केंद्रीय NCORD ईकाई का गठन किया जाएगा. नारकोटिक्स प्रशिक्षण मॉड्यूल, राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाएगा, जिससे इसमें पुलिस, CAPF कार्मियों, प्रॉसिक्यूटर्स और विभिन्न सिविल डिपार्टमेंट के लोगों को प्रशिक्षित किया जा सके.

इंटर मिनिस्ट्रियल कमेटी का गठन

ये भी फैसला लिया गया कि दोहरे उपयोग वाले प्रीकर्सर केमिकल्स का दुरुपयोग रोकने के लिए एक स्थायी इंटर मिनिस्ट्रियल कमेटी का गठन किया जाएगा . दोहरे उपयोग वाली प्रिस्क्रिप्शन दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थाई इंटर मिनिस्ट्रियल कमेटी का गठन होगा. इसके अलावा सभी तटीय राज्य और केंद्र प्रशासित प्रदेश विशेष रूप से प्रयास करेंगे. साथ ही राज्यों की एनसीओआरडी कमेटी की बैठकों में तटरक्षक बल, नौसेना और बंदरगाह प्राधिकारी जैसे सभी हितधारक शामिल होंगे.

बंदरगाहों पर कंटेनरों की स्कैनिंग

गृहमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में इस बात पर भी फैसला लिया गया है कि सभी निजी और सरकारी बंदरगाहों पर आने एवं जाने वाले कंटेनरों की एक निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार स्कैनिंग करने के लिए कंटेनर स्कैनर और संबंधित उपकरणों का प्रबंध होगा. साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर नार्को-कैनाइन पूल विकसित करने के भी निर्देश दिए गए हैं. इस बात पर भी सहमित बनी कि एनसीबी, एनएसजी के साथ समन्वय कर एक नीति बनाएगी, जिसके तहत राज्य पुलिस को भी आवश्यकतानुसार कैनाइन स्क्वायड की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

नार्कोटिक्स कॉल सेंटर की शुरूआत

गृहमंत्री द्वारा बुलाई इस बैठक में ये फैसला भी हुआ कि मानस नाम से परिकल्पित नेशनल नार्कोटिक्स कॉल सेंटर की शुरूआत की जाएगी. केंद्रीय स्तर पर समेकित NCORD पोर्टल का गठन किया जाएगा, जो विभिन्न संस्थाओं / एजेंसियों के मध्य, सूचना-विनिमय के लिए प्रभावी तंत्र का काम करेगा. नारकोटिक्स के व्यापर में डार्क-नेट और क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते उपयोग को रोकने के लिए एक प्रभावी तंत्र का निर्माण किया जाएगा. फैसले की सबसे अहम बात ये रही कि अब ड्रोन्स और सैटेलाइट सहित अन्य प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके अवैध ड्रग्स की खेती की रोकथाम की जाएगी. साथ ही नशे के विरुद्ध जागरूकता अभियान का व्यापक प्रसार होगा. सभी प्रमुख कारागारों में नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना की जाएगी.

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