छतीसगढ़ सरकार ले रही है घुमंतू बच्चों की सुध, सूचना देने की अपील

0 छतीसगढ़ सरकार ले रही है घुमंतू बच्चों की सुध, सूचना देने की अपील


कांकेर 27 दिसम्बर (वेदांत समाचार)। राज्य में कई ऐसे बच्चे हैं जो परिवार और घर के प्यार और स्नेह से वंचित हैं। हम प्रत्येक त्यौहार को बड़े धूमधाम के साथ मनाते हैं लेकिन शायद कभी हम ये नहीं सोचते कि फुटपाथ पर रहने वाले बच्चे अपने जीवन को कैसे व्यतीत करते हैं और कैसे वे अपना त्यौहर मनाते हैं। वे बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, बाजार, फुटपाथ, सड़कों आदि के पास अपना पूरा जीवन व्यतीत कर देते हैं। ऐसे घुमंतू बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

खोजने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाएगा


सड़क पर बेसहारा घूम रहे बच्चों की देखभाल के लिए सरकार ने पहल की है। उनकी सुरक्षा के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस विभाग, श्रम विभाग और चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीम बचाव अभियान में ऐसे बच्चों को खोजने का काम करेगी।

ये बच्चे वे बच्चे हैं जो सड़कों पर बेकार खाना इकट्ठा करते हैं, होटल या अन्य जगहों पर बाल मजदूरी करते हैं, कई बच्चे भीख मांगकर अपना जीवन यापन व्यतीत करते हैं। ऐसे बच्चे ज्यादातर शहर के लगभग सभी स्टेशनों पर देखने को मिलते हैं। इस सबका बुरा प्रभाव उसके हेल्थ पर पड़ता है। वे विभिन्न तरह के नशे का शिकार हो जाते है। ऐसे बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

25 जनवरी तक चलेगा अभियान


जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस विभाग, श्रम विभाग एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम के द्वारा रेस्क्यू अभियान में ऐसे बच्चों को खोजने का कार्य किया जायेगा। कलेक्टर चन्दन कुमार के निर्देशानुसार ऐसे बच्चों के सर्वेक्षण के लिए 25 जनवरी 2022 तक अभियान चलाया जाएगा। इस श्रेणी के बच्चें अपनी उत्तरजीविता, भोजन, पानी, वस्त्र, आश्रय एवं संरक्षण के लिए प्रतिदिन कई तरह से संघर्ष और चुनौतियों का सामना करते हैं।

इन बच्चों के चिन्हाकंन कर उन्हें संरक्षण एवं पुर्नवास (Ghumantu Bachchen) किया जाने का काम करेगी। किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों के अनुसार पुर्नवास की प्रक्रिया सुनिश्चित किया जाना है, साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य, देखभाल, उनकी शिक्षा निरंतर रखे जाने तथा आश्रय प्रदान किये जाने हेतु समस्त उपाय करना है।

कौशल उन्नयन से समृद्ध होगा जीवन


ऐसे बच्चों के परिवारों को कौशल उन्नयन, रोजगार, अजीविका तथा अन्य सहायता की आवश्यकतानुसार विभिन्न विभागों की प्रचलित योजनाओं के तहत लाभाविन्त किया जाना है। जिला प्रशासन द्वारा आम लोगों से अपील की गई है कि जिले में सड़कों पर रहने व घूमने वाले बच्चें दिखे या पाये जाते हैं तो तत्काल उसकी सूचना जिले स्तर पर जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग कांकेर, परियोजना स्तर पर परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्राम पंचायत स्तर पर अध्यक्ष ग्राम पंचायत बाल संरक्षण समिति, चाईल्ड लाईन नम्बर 1098 के अलावा पुलिस थाना को दी जावे।