पुलिस चौकी में क्रूरता की हदें पार, बिना किसी जुर्म के महिला को थाने में रखकर रेप की कोशिश..

झीलों की नगरी के नाम से प्रसिद्ध उदयपुर में राजस्थान पुलिस का घिनौना चेहरा सामने आया है जिसके बाद पूरे पुलिस महकमे की चारों तरफ फजीहत हो रही है. उदयपुर में पुलिसिया तंत्र के इस क्रूर चेहरे ने एक शादीशुदा महिला को बेवजह अपनी वर्दी की धौंस दिखाई. दरअसल एक एएसआई और कांस्टेबल ने एक आदिवासी शादीशुदा महिला और उसके माता-पिता को जबदस्ती रात भर चौकी में रखा जहां महिला से रेप करने की कोशिश के अलावा खाना बनवाया और जूठे बर्तन भी धुलवाए.

मिली जानकारी के मुताबिक दोनों पुलिस वालों की क्रूरता यहीं नहीं रूकी बल्कि महिला को अपनी गाड़ी में दो दिन तक गुजरात में भटकाया फिर उसके साथ मारपीट कर गुजरात छोड़कर भाग आए. मामले के तूल पकड़ने के बाद ग्रामीणों ने एसपी से गुहार लगाई जिसके बाद मामला दर्ज हुआ है. वहीं कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है और एएसआई और थानाधिकारी को लाइन हाजिर किया गया है.

महिला को कांस्टेबल ने अपने कमरे में सोने के लिए किया मजबूर

दरअसल पानरवा थाना की डैया चौकी में तैनात एएसआई राजकुमार और कांस्टेबल जितेन्द्र कुमार 5 साल पुराने एक युवती के गुमशुदगी मामले की जांच कर रहे थे जिसमें उन्हें महिला पर शक था. ऐसे में दोनों महिला और उसके माता-पिता को गाड़ी में बैठाकर गुजरात के विसनगर ले गए.

महिला ने शिकायत में बताया है कि उसे महिला पुलिसकर्मी नहीं होने के बावजूद थाने में रहने के लिए दबाव बनाया. वहीं महिला ने बताया कि शाम का खाना बनवाने के बाद कांस्टेबल जितेन्द्र सिंह ने महिला को खुद के कमरे में सोने के लिए मजबूर किया और उसके कपड़े फाड़कर दुष्कर्म का प्रयास किया. पीड़िता ने आगे बताया कि कांस्टेबल ने अगले दिन डैया चौकी पर खाना बनवाने के अलावा झाड़ू-पोंछा भी करवाया.

महिला ने ग्रामीणों को बताई पुलिस की करतूत

महिला ने बीते शुक्रवार शाम ग्रामीणों को पुलिस की इस करतूत की पूरी जानकारी दी जिसके बाद पंचों ने एएसआई राजकुमार व कांस्टेबल जितेन्द्र से संपर्क किया लेकिन वह दोनों फरार हो गए. इसके बाद रविवार दोपहर झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी के नेतृत्व में पीड़िता सहित लगभग सात दर्जन लोग पानरवा थाने पहुंचे और थानाधिकारी सहित एएसआई व कांस्टेबल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने को कहा.

गौरतलब है कि इस मामले में पुलिस ने हर तरह के नियमों की धज्जियां उड़ा दी, बिना किसी महिला को घर से उठा लेना और बगैर अनुमति के दूसरे राज्य में पुलिस का निजी गाड़ी से जाना जैसे कई नियमों को ताक पर रखा गया.

इस पूरे मामले पर उदयपुर एसपी मनोज चौधरी का कहना है कि विधायक और पीड़िता की रिपोर्ट के बाद आरोपी कांस्टेबल जितेन्द्र को बर्खास्त कर दिया गया है वहीं थानाधिकारी नाथू सिंह और एएसआई राजकुमार को लाइन हाजिर किया गया है. इसके अलावा इस मामले की डीएसपी स्तर पर जांच की जा रही है.