18 साल की लड़की वोट दे सकती है तो शादी करने में क्या गलत है : महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश..

केंद्र सरकार के लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 करने के प्रस्तावित प्रावधान को लेकर अब राजस्थान से विरोधी स्वर उठने लगे हैं. गहलोत सरकार के मंत्री अब केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले के खिलाफ बोलने लगे हैं.

हाल में महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्र सरकार के इस फैसले का खुलकर विरोध किया. हालांकि अभी तक कांग्रेस ने अधिकारिक तौर पर इस फैसले पर अपना रूख साफ नहीं किया है.

महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने सीकर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि केंद्र सरकार लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करके जबरन लड़कियों पर अपना फैसला थोपने का काम कर रही है. भूपेश ने आगे कहा कि जब एक 18 साल की लड़की वोट देने का अधिकार रखती है तो वह शादी क्यों नहीं कर सकती है.

उन्होंने आगे राजस्थान की परिस्थितियों के हवाले से कहा कि लड़की की शादी की उम्र बढ़ाने से बाल विवाहों बढ़ेंगे, लोगों की अपराधों में संलिप्तता बढ़ेगी. आखिरकार यह एक काले कानून की तरह जनता के लिए गलत साबित होगा.

शादी की उम्र 18 साल ठीक है : धारीवाल

वहीं यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी एक बयान में कहा कि मेरी राय में लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करना गलत है. उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जहां हम 18 साल की उम्र के कानून की पालना नहीं करवा पा रहे वहां हम 21 साल होने के बाद कैसे पालना करवाएंगे. हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह उनकी पार्टी की नहीं बल्कि उनकी निजी राय है.

बाल विवाह की समस्या से ग्रसित राजस्थान !

गौरतलब है कि राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में हर साल बड़ी संख्या में बाल विवाह होते हैं. सरकार को अक्षय तृतीया जैसे मौकों पर बाल विवाह रोकने के लिए गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय की तरफ से निर्देश जारी करने पड़ते हैं.

मालूम हो कि मोदी सरकार की केंद्रीय कैबिनेट ने हाल में लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रावधान पर मुहर लगाई थी जिसके बाद अब यह कानून की शक्ल लेगा. सरकार के इस प्रावधान के कानून बनने के बाद अब लड़का और लड़की दोनों की शादी की उम्र 21 साल हो जाएगी.

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]