राज्यसभा में बुधवार को एक अहम बिल पेश होने वाला है. इस बिल का नाम नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेस (अमेंडमेंट) बिल, 2021 है. इसे छोटे शब्दों में नारकोटिक्स बिल कह सकते हैं. सोमवार को यह बिल लोकसभा में पारित हो चुका है. अब बारी राज्यसभा की है. नया नारकोटिक्स बिल ‘नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेस (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस, 2021’ में सुधार करेगा. कहा जा रहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को राज्यसभा में दोपहर बाद इस बिल को पेश करेंगी. माना जा रहा है कि इस बिल के पास होने और नए कानून के अमल आने में कोई दिक्कत नहीं आएगी और विपक्ष का भी इसमें साथ मिल सकता है.
पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च के मुताबिक, नया नारकोटिक्स बिल पुराने नारकोटिक्स कानून में जरूरी संशोधन करेगा. पुराने कानून का नाम नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेस एक्ट, 1985 है. इस एक्ट में नारकोटिक्स और ड्रग्स के ऑपरेशन के खिलाफ कई तरह की कार्रवाई का प्रावधान है. ड्रग्स और नारकोटिक्स को बनाना, उसे एक से दूसरी जगह पर ले जाना और उसका सेवन करना अवैध है. इस जुर्म में कोई व्यक्ति पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का कायदा-कानून है.
पुराने कानून में संशोधन
साल 2014 में पुराने नारकोटिक्स एक्ट में कुछ बदलाव किया गया था. कानून में अवैध गतिविधि या ‘illicit activities’ की जो परिभाषा थी उसके क्लॉज में बदलाव किया गया था. हालांकि अवैध गतिविधियों की फंडिंग के जुर्म और उसके खिलाफ कार्रवाई को इस क्लॉज में नहीं रखा गया था. इसके खिलाफ कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं होने से फंडिंग के अपराधी आसानी से बच जाते थे. अब नए बिल में फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई को सख्त बनाया गया है और दोषियों को कानून के दायरे में लाने का नियम तय किया गया है.
एक और अहम बिल लाएगी सरकार
इसके अलावा बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में एक और महत्वपूर्ण बिल लाने वाली हैं. इस बिल का नाम एप्रोप्रिएशन (नंबर 5) बिल, 2021 है. इस नए बिल की चर्चा काफी दिनों से है जिसे सरकार लोकसभा में लाने वाली है. यह बिल पेमेंट सिस्टम को लेकर है. कॉन्सोलिडेटेड फंड से पेमेंट और ऑथराइजेशन की अनुमति दी जानी है. यह काम वित्तीय वर्ष 2021-22 से लागू किया जाएगा. उम्मीद है कि यह बिल बुधवार को संसद में लाया जाएगा.
पेट्रोल-डीजल की महंगाई पर होगी चर्चा
दूसरी ओर संसद में विपक्षी दल पेट्रोल-डीजल की महंगाई का मुद्दा उठाने वाले हैं. विपक्षी दलों ने इसकी पुरजोर तैयारी की है. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इस पर चर्चा से बच रही है और जवाब देने से कतरा रही है. लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय चर्चा की मांग करेंगे. उन्होंने संसद में पहले भी यह मुद्दा उठाया है और बुधवार को इस पर गंभीर बहस होने की उम्मीद है. हालांकि सरकार पूर्व में इस पर बयान दे चुकी है. मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बताया कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में पेट्रोल और डीजल के टैक्स पर सरकार को कितनी कमाई हुई है.
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