Vedant Samachar

छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र 2025 : सायबर अपराध राेकने आधुनिक डिवाइस लाए गए हैं, सभी थाने में खाेले जा रहे सायबर सेल

Lalima Shukla
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रायपुर, 28 फ़रवरी। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में आज शुक्रवार को साइबर क्राइम में डिजिटल अरेस्ट किए जाने का मामला उठा। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने साइबर ठगी की रकम के साथ-साथ पीड़ितों को वापस की गई राशि पर गृह मंत्री से सवाल किया। मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि 168 करोड़ रुपये की ठगी राशि में से करीब पांच करोड़ 20 लाख रुपये की राशि वापस कराई गई है।

गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट के 12 प्रकरण सामने आए हैं। इन सभी प्रकरण में कार्रवाई की गई है। इस पर अजय चंद्राकर ने पूछा कि 1795 बैंक खाते चल रहे हैं। 921 खातों में ठगी की रकम वसूली गई थी, लेकिन इन खातों को अब तक बंद नहीं किया गया है। इसकी क्या वजह है? गृहमंत्री ने बताया कि ठगी की रकम एक खाते से दूसरे खाते में शिफ्ट किया जाता है। प्रारंभिक खाते को बंद किया जाता है।

इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि 722 सायबर ठगों को चिन्हित किया है, इनमे से करीब तीन सौ के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बाकी बचे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी? मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बीते साल 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ है। भारत का डिजिटल ट्रांजेक्शन जर्मनी भी अपना रहा है। सब्जी बेचने वालों को भी डिजिटल ट्रांजेक्शन से भुगतान किया जा रहा है।

विजय शर्मा ने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन के साथ-साथ साइबर क्राइम भी बढ़ा है। सायबर क्राइम दुनिया की चिंता है। केंद्र सरकार भी इसकी रोकथाम करने के प्रयास कर रही है। राज्य में जो मामले कार्रवाई के लिए बचे हुए हैं उनके ख़िलाफ़ भी जल्द कार्रवाई होगी।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि सायबर क्राइम को रोकने क्या विशेषज्ञता है? गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सायबर अपराध सिर्फ राज्य का विषय नहीं है। राज्य में नई सरकार बनने के बाद एक सायबर भवन का निर्माण किया गया। आधुनिक डिवाइस लाए गए हैं।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पुन: पूछा कि उपकरण जुटा लिए गए हैं ये अच्छी बात है, लेकिन उन उपकरणों को चलाने के एक्सपर्ट कितने हैं? सायबर थाना खोलने की घोषणा सदन में हुई थी क्या खुल गया?

गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि पांच संभाग रेंजों में थानों को सायबर थानों में अपग्रेड किया गया है। सभी थानों में सायबर सेल खोली जा रही है। पांच एक्सपर्ट इंगेज करने की प्रक्रिया बढ़ाई है। एक्सपर्ट बाहर से नहीं आ सकते, जो मैनपावर हैं उससे ही चिन्हांकित किया जा रहा है। राष्ट्रीयस्तर पर ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। इंडियन सायबर क्राइम सेंटर से 129 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।

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