Vedant Samachar

छत्तीसगढ़ी फिल्म भुलाबे झन मया ल 21 फरवरी से सिनेमाघरों में पारिवारिक मूल्यों का अनूठा संदेश

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फिल्म न केवल मनोरंजन का पिटारा है, बल्कि पारिवारिक रिश्तों और सामाजिक मूल्यों का एक गहरा संदेश भी देती है।

कोरबा,20 फ़रवरी 2025 (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ी सिनेमा की नई पेशकश, भुलाबे झन मया ल 21 फरवरी से बड़े पर्दे पर दस्तक देने के लिए तैयार है। यह फिल्म छत्तीसगढ़ की पवित्र परंपराओं, पारिवारिक मूल्यों और संघर्षों की ऐसी कहानी है, जो हर दर्शक के दिल को छू जाएगी।

यह कहानी एक ग्रामीण लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने साहस और मेहनत के बल पर हर चुनौती का सामना करती है। परिवार और समाज की बाधाओं के बावजूद, वह अपने जीवन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाती है और अपने गांव के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है। यह फिल्म न केवल मनोरंजन का पिटारा है, बल्कि पारिवारिक रिश्तों और सामाजिक मूल्यों का एक गहरा संदेश भी देती है। फिल्म हर उम्र के दर्शकों को जोड़ती है और छत्तीसगढ़ी संस्कृति की खुशबू बड़े पर्दे पर जीवंत करती है। फिल्म में छत्तीसगढ़ की परंपराओं और रीति-रिवाजों को बेहद खूबसूरती से चित्रित किया गया है। यह सिनेमा अपने क्षेत्रीय संदर्भ को इतने प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करता है कि दर्शक इससे गहराई से जुड़ जाएंगे।

कलाकार और निर्माण टीम
इस फिल्म में छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कलाकार रामेश्वरी पटनायक, पारितोष सिंह बघेल, पुष्पा सांडिल्य, नरेंद्र काबरा, विनय अम्बष्ट, दीपा महंत, पहेली चौहान, बबली महंत, पुष्पा रोज, सौम्या मानिकपुरी, सूरज श्रीवास, ओम साहू, घनश्याम श्रीवास, तरुण बघेल, भानुमति, मनोहर लाल, जितेंद्र वर्मा, नागेश ठाकुर, ऋषभ, पुरुषोत्तम कश्यप, सीमा तिवारी, भरत लाल राठौर, धरम साहू, लक्ष्मण दास महंत, शिव शंकर कटकवार, अनुरुद्ध चंद्र, कृष्ण कुमार चंद्रा ने अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया है।
इस फ़िल्म के निर्माता पुरुसोत्तम कश्यप, गीत संगीत: सोनादास, राघवेंद्र वैष्णव, लक्ष्मी करियारे, कैमरा: रविनारायण बेहरा।स्वर: सुनील सोनी, चंपा निषाद, ज्योति कंवर, अश्वनी। संपादन: मुकेश स्वर्णकार। कोरियोग्राफी: दिलीप बैश। कथा, पटकथा और निर्देशन: क्रांति शर्मा।

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