Vedant Samachar

अमेरिका में खसरे से एक बच्चे की गई जान, एक दशक में यह पहली मौत

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अमेरिका में खसरे से एक बच्चे की मौत हो गई. एक दशक बाद खसरे से मौत होने का मामला सामने आया है. 2015 में अमेरिका में खसरे से एक बच्चे की जान गई थी. अब टेक्सास में खसरे के कारण एक स्कूली बच्चे की मौत हो गई. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को एक […]

अमेरिका में खसरे से एक बच्चे की मौत हो गई. एक दशक बाद खसरे से मौत होने का मामला सामने आया है. 2015 में अमेरिका में खसरे से एक बच्चे की जान गई थी. अब टेक्सास में खसरे के कारण एक स्कूली बच्चे की मौत हो गई. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उत्तर-पश्चिम टेक्सास के ल्यूबॉक में अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद स्कूल जाने वाले बच्चे की रात में मौत हो गई. वायरस के प्रकोप का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि टेक्सास, मैक्सिको समेत 9 राज्यों के लोगों को संक्रमित कर दिया है. साथ ही कई लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

टेक्सास के स्वास्थ्य अधिकारियों ने 26 फरवरी खसरे के कारण एक बच्चे की मौत की पुष्टि की. अधिकारियों ने बताया कि खसरे के प्रकोप से 2015 में एक मौत हुई थी, लेकिन इस साल फरवरी में टेक्ससा के गेन्स काउंटी में इस वायरस का प्रकोप फिर से देखा गया. हालांकि, इन इलाकों में टीकाकरण अभियान चलाया गया था, लेकिन टीकाकरण की रफ्तार कम थी. सिर्फ 82% बच्चों को खसरे के खिलाफ टीका लगाया गया. अधिकारी कम टीकाकरण होने के कारण खसरा बढ़ने का खतरा जता रहे हैं.

खसरे के 130 नए मामले सामने आए
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि इस वर्ष टेक्सास और पड़ोसी राज्य न्यू मैक्सिको में खसरे के 130 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें से लगभग सभी मामले ऐसे लोगों में पाए गए हैं जिन्हें टीका नहीं लगाया गया था. ट्रंप सरकार में बने शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने कहा कि यह मौत अमेरिका में टीकाकरण दरों में गिरावट के कारण हुई.

कोरोना के बाद खसरे के मामलों में उतार चढ़ाव
कैनेडी ने बताया कि इस वर्ष देश में खसरे के चार मामले सामने आए हैं. जबकि पिछले साल, 16 मामले थे. अमेरिका में खसरे के मामलों की संख्या 2019 में लगभग दो दशक के उच्चतम स्तर 1,274 पर पहुंच गई थी, जो कोविड-19 महामारी के दौरान काफी कम हो गई थी. उन्होंने कहा कि यहां हर साल खसरे के मामले आते हैं. 2024 में 285 मामले दर्ज किए, जबकि 2023 में 59 और 2022 में 121 मामले सामने आए थे.

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