कोरबा की आकांक्षा और अल्का ने मिस्र में लहराया परचम, छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य ने विश्व को मोहित किया…

कोरबा,28 फरवरी (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ के कोरबा की दो बेटियों आकांक्षा और अल्का ने मिस्र देश में आयोजित 12वें अंतराष्ट्रीय लोक कला उत्सव में भारत देश का नाम रोशन किया। छत्तीसगढ़ पी डी पंथी परिवार ने इजिप्ट मिस्र देश में हो रहे 12 वें अंतर्राष्ट्रीय कार्यकम महोत्सव में बेहतरीन प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़ व कोरबा का नाम रोशन किया है।

महोत्सव में कुल 17 देश शामिल हुए। भारत देश का प्रतिनिधित्व करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य की लोक नृत्य पंथी को प्रदर्शित कर राज्य की धरोहर , संस्कृति की रक्षा की , पंथी नृत्य में बाबा गुरु घासीदास के दिए उपदेश/सन्देश मनखे-मनखे एक समान को रेखांकित किया। यह संदेश सम्पूर्ण विश्व को एक होने तथा समानता की भावना का अहसास कराता है।

इस टीम ने छत्तीसगढ़ के अन्य लोक नृत्य ,कर्मा ,सुवा तथा बस्तर की संस्कृति को भी प्रदर्शित किया और अपनी लोक संस्कृति को Egypt मिश्र देश में पहचान दी। छत्तीसगढ़ पी डी पंथी परिवार ने मिश्र देश में विश्व की सबसे बड़ी नील नदी में छत्तीसगढ़ की वेशभूषा में सभी देशों के साथ मिलकर भारत का तिरंगा फहराया।

Egypt गवर्मेंट द्वारा छत्तीसगढ़ पी डी पंथी परिवार को एक नई पहचान दिलाकर उन्हें शील्ड एवं पुरस्कार भेंटकर सम्मानित किया। टीम सदस्य पुनदास, डॉ.हरेंद्र, मनोज कुमार, रामाधार बंजारे, अल्का मिंज, आकांक्षा केशवानी, मुस्कान देशलहरे, आकांक्षा वर्मा थे। टीम के 2 सदस्य आकांक्षा केशरवानी (माता दुर्गा केशरवानी पिता अशोक केशरवानी) और अल्का मिंज(पिता बिष्णु राम भगत,माता बर्जिनिया मिंज) कोरबा क्षेत्र से हैं।

गर्व की बात है कि इतिहास में पहली बार छत्तीसगढ़ की संस्कृति को विदेश में दर्शाया गया है। बताया गया कि टीम को लगभग 8 देशों से अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम हेतु निमंत्रण आ चुका था और ये लोग लोकनृत्य में राष्ट्रीय स्तर पर 3 बार गोल्ड मेडल का खिताब भी हासिल किये हैं।